नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि देश को मध्ययुगीन काल में धकेला जा रहा है, जब राजा नापसंदगी वाले व्यक्ति को गिरफ्तार करवा देता था। उन्होंने उन नये विधेयकों की आलोचना की, जिनमें गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार किए गए और लगातार 30 दिन हिरासत में रखे गए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को पद से हटाने का प्रावधान किया गया है।
गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार किए गए और लगातार तीस दिन हिरासत में रखे गए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को पद से हटाने के प्रावधान वाले तीन विधेयक बुधवार को लोकसभा में पेश किए गए जिन्हें सदन ने विचार के लिए संसद की संयुक्त समिति को भेजने का फैसला किया। गांधी ने विपक्ष की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी के सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि भाजपा जो नया विधेयक प्रस्तावित कर रही है, उस पर काफी काम किया जा रहा है। हम मध्ययुगीन काल में वापस जा रहे हैं जब राजा अपनी मर्जी से किसी को भी हटा सकता था।
'बिहार में महाराष्ट्र की तरह वोट चोरी'उन्होंने कहा आगे कहा कि एक निर्वाचित व्यक्ति क्या होता है, इसकी कोई अवधारणा ही नहीं है। उन्हें आपका चेहरा पसंद नहीं आता, इसलिए वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मामला दर्ज करने को कहते हैं और फिर लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए व्यक्ति को 30 दिन के भीतर हटा दिया जाता है। यह नया है। लोकसभा में विपक्ष के नेता गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर बिहार में महाराष्ट्र शैली की ‘वोट चोरी’ का प्रयास करने का भी आरोप लगाया और कहा कि आगामी चुनावों में ऐसे प्रयास विफल हो जाएंगे।
सार्थक बहस या समीक्षा की गुंजाइश नहींसंविधान सदन (पुरानी संसद) के केंद्रीय कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र और संघवाद के मूल मूल्यों को कमजोर करने वाला संविधान संशोधन विधेयक सत्र के अंत में छलपूर्वक पेश किया जा रहा है, जिससे सार्थक बहस या समीक्षा की कोई गुंजाइश नहीं बची है। उन्होंने कहा आगे कहा कि पिछले 11 वर्षों में विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए ईडी, आयकर और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जैसी स्वायत्त एजेंसियों को कठोर शक्तियों से लैस करने के लिए संसदीय बहुमत का घोर दुरुपयोग होते हमने देखा है।
हमें मुद्दे उठाने का मौका नहीं दिया जाता- खरगेखरगे ने कहा कि अब ये नये विधेयक राज्यों में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकारों को और कमजोर करने और अस्थिर करने के लिए सत्तारूढ़ दल के हाथों के हथकंडे बनने वाले हैं। संसद में हमने विपक्ष की आवाज दबाने का बढ़ता चलन देखा है। हमें सदन में लोगों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने का बार-बार मौका नहीं दिया जाता। कांग्रेस प्रमुख ने यह भी आरोप लगाया कि संसद सत्तारूढ़ पार्टी की विचारधारा को आगे बढ़ाने का एक साधन बनकर रह गई है, जहां कई महत्वपूर्ण विधेयक शोरगुल के बीच और बिना उचित विचार-विमर्श के पारित कर दिए जा रहे हैं।
गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार किए गए और लगातार तीस दिन हिरासत में रखे गए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को पद से हटाने के प्रावधान वाले तीन विधेयक बुधवार को लोकसभा में पेश किए गए जिन्हें सदन ने विचार के लिए संसद की संयुक्त समिति को भेजने का फैसला किया। गांधी ने विपक्ष की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी के सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि भाजपा जो नया विधेयक प्रस्तावित कर रही है, उस पर काफी काम किया जा रहा है। हम मध्ययुगीन काल में वापस जा रहे हैं जब राजा अपनी मर्जी से किसी को भी हटा सकता था।
'बिहार में महाराष्ट्र की तरह वोट चोरी'उन्होंने कहा आगे कहा कि एक निर्वाचित व्यक्ति क्या होता है, इसकी कोई अवधारणा ही नहीं है। उन्हें आपका चेहरा पसंद नहीं आता, इसलिए वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मामला दर्ज करने को कहते हैं और फिर लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए व्यक्ति को 30 दिन के भीतर हटा दिया जाता है। यह नया है। लोकसभा में विपक्ष के नेता गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर बिहार में महाराष्ट्र शैली की ‘वोट चोरी’ का प्रयास करने का भी आरोप लगाया और कहा कि आगामी चुनावों में ऐसे प्रयास विफल हो जाएंगे।
सार्थक बहस या समीक्षा की गुंजाइश नहींसंविधान सदन (पुरानी संसद) के केंद्रीय कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र और संघवाद के मूल मूल्यों को कमजोर करने वाला संविधान संशोधन विधेयक सत्र के अंत में छलपूर्वक पेश किया जा रहा है, जिससे सार्थक बहस या समीक्षा की कोई गुंजाइश नहीं बची है। उन्होंने कहा आगे कहा कि पिछले 11 वर्षों में विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए ईडी, आयकर और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जैसी स्वायत्त एजेंसियों को कठोर शक्तियों से लैस करने के लिए संसदीय बहुमत का घोर दुरुपयोग होते हमने देखा है।
हमें मुद्दे उठाने का मौका नहीं दिया जाता- खरगेखरगे ने कहा कि अब ये नये विधेयक राज्यों में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकारों को और कमजोर करने और अस्थिर करने के लिए सत्तारूढ़ दल के हाथों के हथकंडे बनने वाले हैं। संसद में हमने विपक्ष की आवाज दबाने का बढ़ता चलन देखा है। हमें सदन में लोगों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने का बार-बार मौका नहीं दिया जाता। कांग्रेस प्रमुख ने यह भी आरोप लगाया कि संसद सत्तारूढ़ पार्टी की विचारधारा को आगे बढ़ाने का एक साधन बनकर रह गई है, जहां कई महत्वपूर्ण विधेयक शोरगुल के बीच और बिना उचित विचार-विमर्श के पारित कर दिए जा रहे हैं।
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