नई दिल्ली: भारतीय महिला क्रिकेट टीम की जितनी सरहाना की जाए उतनी कम है। आईसीसी महिला वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में भारत ने साउथ अफ्रीका को हराकर इतिहास रचा। वैसे तो भारत को चैंपियन बनाने के लिए हर किसी खिलाड़ी ने अपनी-अपनी भूमिका निभाई है। लेकिन, शेफाली वर्मा का अचानक से स्क्वाड में आ जाना और वर्ल्ड कप फाइनल में अहम योगदान देकर टीम को जिताना, यह किसी फैरीटेल से कम नहीं था।   
   
शेफाली वर्मा भारत के वर्ल्ड कप स्क्वाड का हिस्सा भी नहीं थीं। उनको टूर्नामेंट से पहले ड्रॉप कर दिया गया था। लेकिन, बांग्लादेश के खिलाफ आखिरी ग्रुप स्टेज मुकाबले में प्रतिका रावल चोटिल हो गई और टूर्नामेंट से बाहर हो गई। ऐसे में शेफाली वर्मा की टीम में बतौर रिप्लेसमेंट जगह बनी। उनको पहला मैच ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल खेलने को मिला। उस मैच में शेफाली का बल्ला खामोश रहा। लेकिन, फाइनल में शेफाली का सिर्फ बल्ला ही नहीं गर्जा बल्कि उन्होंने गेंदबाजी में भी कमाल कर दिया। शेफाली वर्मा ने 87 रन की शानदार पारी खेली और 2 विकेट भी लिए। इसके चलते उनको प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड भी फाइनल में मिला। ऐसा लग रहा था कि ऊपर वाले ने जैसे यह सब पहले से लिखा हुआ था। शेफाली का अचानक फर्श से अर्श पर पहुंच जाना... शायद इसे ही गॉड प्लान कहते हैं।
   
भारतीय टीम से ड्रॉप होने के बाद पिता को नहीं बताया था
   
वनडे वर्ल्ड कप 2025 के लिए भारत की महिला क्रिकेट का टीम चयन होने से बस कुछ ही महीने पहले, शेफाली अपनी जिंदगी के सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही थीं। यह मुश्किल उन्हें पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ दोनों में थी। एक तरफ, लगातार बल्ले से खराब प्रदर्शन करने के कारण उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया था। दूसरी तरफ, उनके पिता की सेहत हर रोज बिगड़ती जा रही थी।
   
शेफाली वर्मा ने भारतीय टीम से ड्रॉप होने वाली बात अपने पिता को शुरुआत में नहीं बताई थी, क्योंकि उनके पिता को दो दिन पहले ही हार्ट अटैक आया था। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए शेफाली ने कहा था कि,मैं उन्हें बताना नहीं चाहती थी क्योंकि मुझे टीम से ड्रॉप किए जाने से ठीक दो दिन पहले मेरे पिता को हार्ट अटैक आया था। वह अस्पताल में थे और मैंने उन्हें एक हफ्ते बाद ही बताया।
   
रोहतक की रहने वाली हैं शेफाली वर्मा
   
शेफाली वर्मा हरियाणा के रोहतक की रहने वाली हैं। उनके पिता क्रिकेट के बड़े फैन थे और उनके सभी भाई-बहन भी क्रिकेट खेलते थे। खेल में उनकी रुचि देखकर, उनके पिता ने एक बड़ा कदम उठाया। लोकल क्रिकेट अकेडमी ने लड़की को दाखिला देने से मना कर दिया था। ऐसे में इसलिए उनके पिता ने उनके बाल छोटे काट दिए और उन्हें लड़के के रूप में पेश किया।
   
महज 15 साल की छोटी उम्र में वह भारत की सबसे कम उम्र की T20I डेब्यू करने वाली खिलाड़ी बन गईं। बल्लेबाज़ी में उनका विस्फोटक अंदाज़ देखकर तुरंत उनकी तुलना वीरेंद्र सहवाग से होने लगी।
   
शेफाली वर्मा का भारतीय टीम के लिए रिकॉर्ड
   
21 साल की शेफाली वर्मा ने भारत का 5 टेस्ट, 31 वनडे और 90 टी20 मुकाबलों में प्रतिनिधित्व किया है। टेस्ट में वर्मा ने 567, वनडे में 741 तो टी20 में 2221 रन बनाए हैं।
शेफाली वर्मा भारत के वर्ल्ड कप स्क्वाड का हिस्सा भी नहीं थीं। उनको टूर्नामेंट से पहले ड्रॉप कर दिया गया था। लेकिन, बांग्लादेश के खिलाफ आखिरी ग्रुप स्टेज मुकाबले में प्रतिका रावल चोटिल हो गई और टूर्नामेंट से बाहर हो गई। ऐसे में शेफाली वर्मा की टीम में बतौर रिप्लेसमेंट जगह बनी। उनको पहला मैच ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल खेलने को मिला। उस मैच में शेफाली का बल्ला खामोश रहा। लेकिन, फाइनल में शेफाली का सिर्फ बल्ला ही नहीं गर्जा बल्कि उन्होंने गेंदबाजी में भी कमाल कर दिया। शेफाली वर्मा ने 87 रन की शानदार पारी खेली और 2 विकेट भी लिए। इसके चलते उनको प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड भी फाइनल में मिला। ऐसा लग रहा था कि ऊपर वाले ने जैसे यह सब पहले से लिखा हुआ था। शेफाली का अचानक फर्श से अर्श पर पहुंच जाना... शायद इसे ही गॉड प्लान कहते हैं।
भारतीय टीम से ड्रॉप होने के बाद पिता को नहीं बताया था
वनडे वर्ल्ड कप 2025 के लिए भारत की महिला क्रिकेट का टीम चयन होने से बस कुछ ही महीने पहले, शेफाली अपनी जिंदगी के सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही थीं। यह मुश्किल उन्हें पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ दोनों में थी। एक तरफ, लगातार बल्ले से खराब प्रदर्शन करने के कारण उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया था। दूसरी तरफ, उनके पिता की सेहत हर रोज बिगड़ती जा रही थी।
शेफाली वर्मा ने भारतीय टीम से ड्रॉप होने वाली बात अपने पिता को शुरुआत में नहीं बताई थी, क्योंकि उनके पिता को दो दिन पहले ही हार्ट अटैक आया था। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए शेफाली ने कहा था कि,मैं उन्हें बताना नहीं चाहती थी क्योंकि मुझे टीम से ड्रॉप किए जाने से ठीक दो दिन पहले मेरे पिता को हार्ट अटैक आया था। वह अस्पताल में थे और मैंने उन्हें एक हफ्ते बाद ही बताया।
रोहतक की रहने वाली हैं शेफाली वर्मा
शेफाली वर्मा हरियाणा के रोहतक की रहने वाली हैं। उनके पिता क्रिकेट के बड़े फैन थे और उनके सभी भाई-बहन भी क्रिकेट खेलते थे। खेल में उनकी रुचि देखकर, उनके पिता ने एक बड़ा कदम उठाया। लोकल क्रिकेट अकेडमी ने लड़की को दाखिला देने से मना कर दिया था। ऐसे में इसलिए उनके पिता ने उनके बाल छोटे काट दिए और उन्हें लड़के के रूप में पेश किया।
महज 15 साल की छोटी उम्र में वह भारत की सबसे कम उम्र की T20I डेब्यू करने वाली खिलाड़ी बन गईं। बल्लेबाज़ी में उनका विस्फोटक अंदाज़ देखकर तुरंत उनकी तुलना वीरेंद्र सहवाग से होने लगी।
शेफाली वर्मा का भारतीय टीम के लिए रिकॉर्ड
21 साल की शेफाली वर्मा ने भारत का 5 टेस्ट, 31 वनडे और 90 टी20 मुकाबलों में प्रतिनिधित्व किया है। टेस्ट में वर्मा ने 567, वनडे में 741 तो टी20 में 2221 रन बनाए हैं।
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