नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की बैठक में भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ के मसले पर घेराबंदी की। भारत ने BRICS देशों से एक बहुत जरूरी अपील की। भारत ने BRICS देशों से कहा कि वे बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली का बचाव करें। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय कानून का भी समर्थन करें। यह अपील अमेरिका के MAGA (Make America Great Again)-प्रेरित संरक्षणवाद के खिलाफ एक साफ संदेश था।
दरअसल ट्रंप BRICS संगठन को बिल्कुल पसंद नहीं करते हैं। वह इसके प्रति हमेशा शत्रुतापूर्ण रहे हैं। उन्होंने तो इसे खत्म करने की बात भी कही है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने BRICS विदेश मंत्रियों की एक बैठक की मेजबानी की। यह बैठक UNGA के मौके पर हुई थी। इस बैठक में उन्होंने अमेरिका का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया। लेकिन उनका इशारा बिल्कुल साफ था।
ट्रंप ने BRICS के लगातार बढ़ते विस्तार को अमेरिका के आर्थिक प्रभुत्व के लिए खतरा बताया है। उन्होंने यह भी कहा है कि यह डॉलर की भूमिका के लिए भी खतरा है। ट्रंप ने BRICS देशों को धमकी दी है। उन्होंने कहा है कि अगर वे डॉलर से दूर जाने की कोशिश करेंगे, तो उन पर 100% टैरिफ लगाया जाएगा।
वहीं BRICS का विस्तार बहुत तेजी से हुआ है। अब इसमें 10 पूर्ण सदस्य और 10 भागीदार राज्य हैं। 10 अन्य देशों ने सदस्यता के लिए आवेदन भी किया है। ट्रंप ने कहा है कि यह संगठन 'हमें नुकसान पहुंचाने' और 'हमारे डॉलर को कमजोर करने' के लिए बनाया गया था। भारत ने यह साफ कर दिया है कि वह डी-डॉलरकरण के पक्ष में नहीं है। इसके बावजूद, ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर BRICS इस रास्ते पर गया तो 100% टैरिफ लगेगा। उन्होंने एक पोस्ट में कहा था कि BRICS देशों को डॉलर को बदलने के लिए कोई नई मुद्रा नहीं बनानी चाहिए।
BRICS देशों से जयशंकर ने क्या अपील की? भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने UNGA के मौके पर BRICS देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाई। उन्होंने इस बैठक की मेजबानी की। इस बैठक में ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्री शामिल हुए। जयशंकर ने अपनी बात रखी। उन्होंने बैठक के मुख्य बिंदुओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया में संरक्षणवाद बढ़ रहा है। संरक्षणवाद का मतलब है कि एक देश अपने उद्योगों को बचाने के लिए दूसरे देशों से आने वाले सामान पर ज्यादा टैक्स लगाता है। इसे टैरिफ कहते हैं। इससे विदेशी सामान महंगा हो जाता है और लोग अपने देश का सामान ज्यादा खरीदते हैं।
टैरिफ पर क्या बोले जयशंकर? जयशंकर ने बताया कि टैरिफ में अस्थिरता है। गैर-टैरिफ बाधाएं भी बढ़ रही हैं। ये सभी चीजें व्यापार के प्रवाह को रोक रही हैं। इससे देशों के बीच व्यापार करना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने जोर दिया कि BRICS को इन चुनौतियों का सामना करना चाहिए। उन्हें बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली का बचाव करना चाहिए। बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली का मतलब है कि कई देश मिलकर व्यापार के नियम बनाते हैं और उनका पालन करते हैं। इससे व्यापार आसान होता है।
दरअसल ट्रंप BRICS संगठन को बिल्कुल पसंद नहीं करते हैं। वह इसके प्रति हमेशा शत्रुतापूर्ण रहे हैं। उन्होंने तो इसे खत्म करने की बात भी कही है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने BRICS विदेश मंत्रियों की एक बैठक की मेजबानी की। यह बैठक UNGA के मौके पर हुई थी। इस बैठक में उन्होंने अमेरिका का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया। लेकिन उनका इशारा बिल्कुल साफ था।
ट्रंप ने BRICS के लगातार बढ़ते विस्तार को अमेरिका के आर्थिक प्रभुत्व के लिए खतरा बताया है। उन्होंने यह भी कहा है कि यह डॉलर की भूमिका के लिए भी खतरा है। ट्रंप ने BRICS देशों को धमकी दी है। उन्होंने कहा है कि अगर वे डॉलर से दूर जाने की कोशिश करेंगे, तो उन पर 100% टैरिफ लगाया जाएगा।
वहीं BRICS का विस्तार बहुत तेजी से हुआ है। अब इसमें 10 पूर्ण सदस्य और 10 भागीदार राज्य हैं। 10 अन्य देशों ने सदस्यता के लिए आवेदन भी किया है। ट्रंप ने कहा है कि यह संगठन 'हमें नुकसान पहुंचाने' और 'हमारे डॉलर को कमजोर करने' के लिए बनाया गया था। भारत ने यह साफ कर दिया है कि वह डी-डॉलरकरण के पक्ष में नहीं है। इसके बावजूद, ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर BRICS इस रास्ते पर गया तो 100% टैरिफ लगेगा। उन्होंने एक पोस्ट में कहा था कि BRICS देशों को डॉलर को बदलने के लिए कोई नई मुद्रा नहीं बनानी चाहिए।
BRICS देशों से जयशंकर ने क्या अपील की? भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने UNGA के मौके पर BRICS देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाई। उन्होंने इस बैठक की मेजबानी की। इस बैठक में ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्री शामिल हुए। जयशंकर ने अपनी बात रखी। उन्होंने बैठक के मुख्य बिंदुओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया में संरक्षणवाद बढ़ रहा है। संरक्षणवाद का मतलब है कि एक देश अपने उद्योगों को बचाने के लिए दूसरे देशों से आने वाले सामान पर ज्यादा टैक्स लगाता है। इसे टैरिफ कहते हैं। इससे विदेशी सामान महंगा हो जाता है और लोग अपने देश का सामान ज्यादा खरीदते हैं।
टैरिफ पर क्या बोले जयशंकर? जयशंकर ने बताया कि टैरिफ में अस्थिरता है। गैर-टैरिफ बाधाएं भी बढ़ रही हैं। ये सभी चीजें व्यापार के प्रवाह को रोक रही हैं। इससे देशों के बीच व्यापार करना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने जोर दिया कि BRICS को इन चुनौतियों का सामना करना चाहिए। उन्हें बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली का बचाव करना चाहिए। बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली का मतलब है कि कई देश मिलकर व्यापार के नियम बनाते हैं और उनका पालन करते हैं। इससे व्यापार आसान होता है।
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