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900 करोड़ के गहने चुराए, लेकिन 527 करोड़ के भारतीय हीरे को छुआ तक नहीं..आखिर क्यों?

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पेरिस के म्यूजियम में हुई चोरी पिछले कई दिनों से सुर्खियां बटोर रही है। 8 मिनट से भी कम समय में फ्रांस के ऐतिहासिक म्यूजियम से चोर बेशकीमती सामान ले उड़े। माना जा रहा है कि इन हीरे-जवाहरात की कीमत बाजार में 900 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। वो खिड़की तोड़कर अंदर घुसे और कांच के केस तोड़ते चले गए और सामान चुराते गए। लेकिन इसी म्यूजियम में एक ऐतिहासिक भारतीय हीरा भी रखा गया था। लुटेरों ने उसे छुआ तक भी नहीं।

अपने आप में पूरा इतिहास समेटे इस हीरे की कीमत 60 मिलियन डॉलर यानी करीब 527 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। ये हीरा भारत से चलकर ब्रिटेन पहुंचा। वहां से फ्रांस के राजा के ताज में इसे सजाया गया। और एक समय फ्रांस का सबसे महंगा हीरा माना गया। इसके बावजूद लुटेरों ने इसे चुराने की कोशिश तक नहीं की। आखिर क्यों? चलिए पूरी कहानी सिलसिलेवार जानते हैं।

दुनिया की सबसे फास्ट चोरी19 अक्टूबर की सुबह पेरिस के लॉरे म्यूजियम में 4 लुटेरे म्यूजियम का शीशा तोड़कर घुसे। लोगों से भरे म्यूजियम में उन्होंने दिनदहाड़े डकैती को अंजाम दिया और बेशकीमती खजाना लेकर बाइक से उड़ गए। यह सब उन्होंने महज 8 मिनट के भीतर किया। इसका मतलब था कि उन्हें सटीक तरह से पता था कि उन्हें क्या-क्या करना है। कौन सी चीज कहां है, कहां से चुरानी है, क्या नहीं चुराना है, उन्हें सब अच्छे से पता था। 8 मिनट के भीतर उन्होंने 19वीं सदी की 8 बेशकीमती चीजें चुरा लीं। इनमें नेकलेस, कान की झुमकी और ब्रॉच शामिल हैं। ये हीरे-जवाहरात नेपोलियन तृतीय और उनकी पत्नी से संबंध रखते थे। एक ताज जो चोरी हुआ है, उसमें 212 मोती और 1998 हीरे जड़े हुए थे।

क्या है भारतीय हीरे की कहानीइसी म्यूजियम में 140.6 कैरेट का बेशकीमती हीरा (Regent Diamond) भी रखा गया था, जो भारत से ब्रिटेन सफर करते हुए फ्रांस पहुंचा था। चोरों ने इस हीरे को नहीं छुआ तक नहीं। यह हीरा भारत के गोलकोंडा क्षेत्र में मिला था। आंध्र प्रदेश की कोलूर खदान में यह हीरा पाया गया था। कहा जाता है कि खदान में काम करने वाले एक गुलाम मजदूर को यह हीरा मिला था। उसने इस हीरे को अपने पैर के एक घाव में छिपा लिया था। माना जाता है कि उस समय यह 410 कैरेट का था।

गुलाम के साथ हुआ धोखागुलाम इस हीरे को मद्रास (अब चेन्नई) के बाजार में बेचना चाहता था। लेकिन उसे जहाज के एक अंग्रेज कैप्टन पर भरोसा करना भारी पड़ा। अंग्रेज कैप्टन ने उसे भरोसा दिलाया कि इसे बेचने में वो मदद करेगा। बदले में गुलाम आधा पैसा कैप्टन को देने को तैयार हो गया। मगर अंग्रेज कैप्टन के मन में लालच आ चुका था, उसने गुलाम को समुद्र में फेंक दिया। यह हीरा इंग्लैंड पहुंच गया, जहां इसे कई छोटे-छोटे हीरों में काटा गया। इनमें से एक फ्रांस फिलिप द्वितीय को बेच दिया गया। उन्हीं के पद के नाम पर इस हीरे को रीजेंट डायमंड नाम मिला। कहा जाता है कि 1791 में इस हीरे की कीमत में चार गुना तक बढ़ोतरी हो गई थी। फ्रेंच रेवोल्यूशन के बाद यह हीरा नेपोलियन बोनापारते के पास पहुंचा, जिन्होंने इसे अपनी तलवार में लगाया।

'शापित' माना जाता है यह हीरादरअसल इस हीरे के साथ एक अंधविश्वास है। इस हीरे को शापित माना जाता है। मान्यता है कि जिसके पास भी यह हीरा गया, उसके साथ बुरा ही हुआ। जिस गुलाम को यह पहली बार हीरा मिला, उसे समुद्र में डुबोकर मार दिया गया। फिर यह किंग लुईस 16 और फ्रांस की क्वीन मैरी के पास यह हीरा रहा। फ्रेंच रेवोल्यूशन के दौरान दोनों का ही सिर कलम कर दिया गया। नेपोलियन को भी दो बार फ्रांस से बाहर कर दिया गया और बाद में उसे मरने के लिए एक अनजान द्वीप पर छोड़ दिया गया। ऐसा लगता है कि लूट को अंजाम देने वाले लुटेरे भी इस इतिहास से वाकिफ थे और इसलिए उन्होंने इसे हाथ नहीं लगाया।
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