नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने यात्रियों के लिए टिकट बुकिंग को आसान बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसी साल रेलवन ऐप लॉन्च किया गया है। इससे यात्री आरक्षित और अनारक्षित दोनों तरह के टिकट बुक कर सकते हैं। यह सुपर ऐप यात्रियों की कई सेवाओं के लिए एक ही जगह पर समाधान प्रदान करता है। इसके अलावा, रेलवे ने आरक्षित ट्रेन टिकटों की अग्रिम आरक्षण अवधि यानी अडवांस रिजर्वेशन पीरियड (एआरपी) को यात्रा की तारीख को छोड़कर 120 दिनों से घटाकर 60 दिन कर दिया है।
हालांकि, ऑनलाइन बुकिंग के दौरान कई यात्रियों को अपनी पसंदीदा निचली बर्थ चुनने में अभी भी दिक्कतें आती हैं। 'लोअर बर्थ प्रिफरेंस' का विकल्प चुनने के बाद भी सीट की उपलब्धता के आधार पर अक्सर साइड अपर, मिडिल या अपर बर्थ ही अलॉट होती हैं। ऐसे में यात्रियों के लिए भारतीय रेलवे की लोअर बर्थ रिजर्वेशन पॉलिसी से जुड़े ताजा नियमों और दिशानिर्देशों को जानना अहम है।
लोअर बर्थ पर क्या हैं नियम?
भारतीय रेलवे की कंप्यूटरकृत आरक्षण प्रणाली में वरिष्ठ नागरिकों, 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिला यात्रियों और गर्भवती महिलाओं के लिए ऑटोमैटिक लोअर बर्थ आवंटित करने का प्रावधान है। हालांकि, यह बुकिंग के समय ऐसी निचली बर्थ की उपलब्धता पर निर्भर करता है। ट्रेनों में टिकट चेकिंग स्टाफ को उन वरिष्ठ नागरिकों को खाली हुई निचली बर्थ आवंटित करने का अधिकार है जिन्हें बुकिंग के समय निचली बर्थ उपलब्ध न होने के कारण मिडिल या अपर बर्थ आवंटित की गई थी।
जो यात्री ट्रेन में यात्रा के लिए निचली बर्थ पसंद करते हैं, उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि इंटरनेट के जरिये आरक्षित टिकट बुक करते समय, केवल तभी बुकिंग का विकल्प चुनने की सुविधा है जब निचली बर्थ उपलब्ध हो। ऐसी स्थिति में टिकट केवल तभी बुक होगा जब निचली बर्थ उपलब्ध होगी।
सोने और बैठने का समय
आरक्षित कोचों में सोने और बैठने के समय को लेकर भी नियम हैं। रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक सोने की सुविधा उपलब्ध होती है, जबकि दिन के बाकी घंटों में यात्रियों के लिए बैठने की सुविधा प्रदान की जाती है। हालांकि, रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसलेशन (आरएसी) के तहत आवंटित साइड लोअर बर्थ के लिए दिन के दौरान बैठने के उद्देश्य से आरएसी यात्री और साइड अपर बर्थ पर बुक किए गए यात्री दोनों सीट साझा करते हैं। इसका मतलब है कि रात 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे के बीच साइड अपर बर्थ रखने वाले यात्री का निचली बर्थ पर कोई दावा नहीं होता है, क्योंकि यह अवधि निचली बर्थ पर रहने वाले यात्री के सोने के लिए निर्धारित है।
रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए कई बदलाव किए हैं। रेलवन ऐप यात्रियों को आरक्षित और अनारक्षित दोनों तरह के टिकट बुक करने की सुविधा देता है। यह ऐप यात्रियों के लिए एक वन-स्टॉप सॉल्यूशन के तौर पर काम करता है। टिकट बुकिंग की अग्रिम अवधि को भी 120 दिनों से घटाकर 60 दिन कर दिया गया है। इससे यात्रियों को यात्रा की तारीख से कुछ समय पहले ही टिकट बुक करने का मौका मिलता है।
हालांकि, ऑनलाइन बुकिंग के दौरान कई यात्रियों को अपनी पसंदीदा निचली बर्थ चुनने में अभी भी दिक्कतें आती हैं। 'लोअर बर्थ प्रिफरेंस' का विकल्प चुनने के बाद भी सीट की उपलब्धता के आधार पर अक्सर साइड अपर, मिडिल या अपर बर्थ ही अलॉट होती हैं। ऐसे में यात्रियों के लिए भारतीय रेलवे की लोअर बर्थ रिजर्वेशन पॉलिसी से जुड़े ताजा नियमों और दिशानिर्देशों को जानना अहम है।
लोअर बर्थ पर क्या हैं नियम?
भारतीय रेलवे की कंप्यूटरकृत आरक्षण प्रणाली में वरिष्ठ नागरिकों, 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिला यात्रियों और गर्भवती महिलाओं के लिए ऑटोमैटिक लोअर बर्थ आवंटित करने का प्रावधान है। हालांकि, यह बुकिंग के समय ऐसी निचली बर्थ की उपलब्धता पर निर्भर करता है। ट्रेनों में टिकट चेकिंग स्टाफ को उन वरिष्ठ नागरिकों को खाली हुई निचली बर्थ आवंटित करने का अधिकार है जिन्हें बुकिंग के समय निचली बर्थ उपलब्ध न होने के कारण मिडिल या अपर बर्थ आवंटित की गई थी।
जो यात्री ट्रेन में यात्रा के लिए निचली बर्थ पसंद करते हैं, उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि इंटरनेट के जरिये आरक्षित टिकट बुक करते समय, केवल तभी बुकिंग का विकल्प चुनने की सुविधा है जब निचली बर्थ उपलब्ध हो। ऐसी स्थिति में टिकट केवल तभी बुक होगा जब निचली बर्थ उपलब्ध होगी।
सोने और बैठने का समय
आरक्षित कोचों में सोने और बैठने के समय को लेकर भी नियम हैं। रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक सोने की सुविधा उपलब्ध होती है, जबकि दिन के बाकी घंटों में यात्रियों के लिए बैठने की सुविधा प्रदान की जाती है। हालांकि, रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसलेशन (आरएसी) के तहत आवंटित साइड लोअर बर्थ के लिए दिन के दौरान बैठने के उद्देश्य से आरएसी यात्री और साइड अपर बर्थ पर बुक किए गए यात्री दोनों सीट साझा करते हैं। इसका मतलब है कि रात 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे के बीच साइड अपर बर्थ रखने वाले यात्री का निचली बर्थ पर कोई दावा नहीं होता है, क्योंकि यह अवधि निचली बर्थ पर रहने वाले यात्री के सोने के लिए निर्धारित है।
रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए कई बदलाव किए हैं। रेलवन ऐप यात्रियों को आरक्षित और अनारक्षित दोनों तरह के टिकट बुक करने की सुविधा देता है। यह ऐप यात्रियों के लिए एक वन-स्टॉप सॉल्यूशन के तौर पर काम करता है। टिकट बुकिंग की अग्रिम अवधि को भी 120 दिनों से घटाकर 60 दिन कर दिया गया है। इससे यात्रियों को यात्रा की तारीख से कुछ समय पहले ही टिकट बुक करने का मौका मिलता है।
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