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Retail Inflation: देश में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 2.07% हुई, महंगी हो सकती हैं खाने-पीने की चीजें, जानें क्यों आई तेजी

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नई दिल्ली: अगस्त में भारत की खुदरा महंगाई दर बढ़कर 2.07% हो गई। जुलाई में यह दर 1.55% थी, जो पिछले आठ सालों में सबसे कम थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पहले के हाई बेस इफेक्ट (base effects) का असर कम हो गया। महंगाई दर बढ़ने से खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ सकते हैं।



बेस इफेक्ट का मतलब है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल कीमतों में कितना बदलाव आया है। पहले बेस इफेक्ट की वजह से महंगाई दर कम दिख रही थी। लेकिन अगस्त में यह असर कम हो गया। इससे खाने-पीने की चीजों की कीमतें भी बढ़ गईं। खाने-पीने की चीजें उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index) यानी CPI में लगभग आधा हिस्सा रखती हैं। इनकी कीमतें बढ़ने से खुदरा महंगाई दर भी बढ़ गई।



रिजर्व बैंक के लक्ष्य से कममहंगाई दर अभी भी रिजर्व बैंक (RBI) के तय लक्ष्य से कम है। रिजर्व बैंक का लक्ष्य है कि महंगाई दर 4 प्रतिशत के आसपास रहे। इससे रिजर्व बैंक को ब्याज दरें कम रखने में मदद मिलेगी। इससे देश की आर्थिक तरक्की को बढ़ावा मिलेगा। रॉयटर्स के एक सर्वे में 40 अर्थशास्त्रियों ने अनुमान लगाया था कि अगस्त में खुदरा महंगाई दर 2.10% तक बढ़ जाएगी।



सब्जियों के दाम गिरेअगस्त में खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर -0.69 प्रतिशत रही। यह लगातार तीसरा महीना है जब खाने-पीने की चीजों की कीमतें कम हुई हैं। सब्जियों के दाम 15.92 प्रतिशत तक गिर गए। दालें भी 14.53 प्रतिशत तक सस्ती हो गईं। मसालों के दाम भी 3.24 प्रतिशत तक कम हुए हैं।



ये चीजें हुई महंगीअगस्त में महंगाई बढ़ने का कारण मांस, मछली, तेल, अंडे और पर्सनल केयर के सामान की कीमतों में बढ़ोतरी है। हालांकि कुछ में गिरावट भी रही। अगस्त में ईंधन की महंगाई दर 2.43 प्रतिशत रही। जुलाई में यह 2.67 प्रतिशत थी। आवास की महंगाई दर अगस्त में 3.09 प्रतिशत रही। जुलाई में यह 3.17 प्रतिशत थी। स्वास्थ्य सेवाओं की महंगाई दर भी अगस्त में कम रही। यह 4.40 प्रतिशत रही, जबकि जुलाई में यह 4.57 प्रतिशत थी।



रिजर्व बैंक का क्या है अनुमान?रिजर्व बैंक ने अनुमान लगाया है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में भारत की सीपीआई महंगाई दर 3.1 प्रतिशत रहेगी। इसकी वजह यह है कि मानसून अच्छा चल रहा है और खरीफ की बुवाई भी अच्छी हुई है। इससे खाने-पीने की चीजों की कीमतें नियंत्रण में रहेंगी।



पिछले महीने रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) यानी MPC की बैठक हुई थी। एमपीसी ने ब्याज दरों को 5.50% पर स्थिर रखा। एमपीसी ने कहा कि महंगाई का अनुमान अधिक सौम्य है। इसका मतलब है कि एमपीसी को नहीं लगता कि महंगाई बहुत तेजी से बढ़ेगी। इससे पहले, रिजर्व बैंक ने फरवरी से तीन बार ब्याज दरें घटाई थीं।

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