नई दिल्ली: भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन सार के साथ बैठक में कहा कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी है और यह शब्द हमारे रिश्ते में असल मायने रखता है। दोनों देशों ने कठिन समय में एक-दूसरे का साथ दिया है और आपसी भरोसे व विश्वसनीयता पर आधारित मजबूत संबंध बनाए हैं। जयशंकर ने कहा कि भारत और इजरायल दोनों ही आतंकवाद की चुनौती का सामना कर रहे हैं, इसलिए यह जरूरी है कि पूरी दुनिया आतंकवाद के सभी रूपों के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ का रवैया अपनाए।   
   
पश्चिम एशिया के हालात पर भारत की नजरजयशंकर ने कहा कि भारत पश्चिम एशिया के हालात पर करीबी नजर रखे हुए है। उन्होंने कहा, 'हम बंधकों की रिहाई और उन लोगों के अवशेषों की वापसी का स्वागत करते हैं जिनकी दुर्भाग्यवश मौत हो गई। भारत गाजा शांति योजना का समर्थन करता है और उम्मीद करता है कि यह क्षेत्र में स्थायी समाधान का रास्ता बनाएगी।'
     
भारत-इजरायल के आपसी सहयोग की समीक्षाविदेश मंत्री ने कहा कि गिदोन सार की यह यात्रा भारत-इजरायल के आपसी सहयोग की समीक्षा करने और उसे और मजबूत करने का अवसर है। हाल ही में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय निवेश समझौता हुआ है, जो एक अहम कदम है। उन्होंने बताया कि इजरायल के कृषि, अर्थव्यवस्था, पर्यटन और वित्त से जुड़े मंत्री हाल के महीनों में भारत की यात्रा कर चुके हैं।
     
इजरायल में निवेश के अवसरों की तलाशः जयशंकरजयशंकर ने कहा कि भारत ने हाल के वर्षों में रेल, सड़क, बंदरगाह, नवीकरणीय ऊर्जा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई नई क्षमताएं विकसित की हैं। उन्होंने दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया 'हमारे उद्योगपति इजरायल में निवेश के अवसरों को लेकर उत्साहित हैं और हम भी इसे आगे बढ़ाना चाहते हैं। कृषि और नवाचार के क्षेत्र में हमारा सहयोग पहले से ही मजबूत है और इसे आगे ले जाना दोनों देशों के हित में है।'
   
इजरायल की भागीदारी का बेसब्री से इंतजारजयशंकर ने यह भी कहा कि भारत और इजरायल का सेमीकंडक्टर और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में भी लंबा सहयोग रहा है, जो अब और ज्यादा अहम हो गया है। विदेश मंत्री ने बताया कि भारत अगले साल फरवरी में 'AI Impact Summit' की मेजबानी करेगा और इजरायल की भागीदारी का बेसब्री से इंतजार है।
  
पश्चिम एशिया के हालात पर भारत की नजरजयशंकर ने कहा कि भारत पश्चिम एशिया के हालात पर करीबी नजर रखे हुए है। उन्होंने कहा, 'हम बंधकों की रिहाई और उन लोगों के अवशेषों की वापसी का स्वागत करते हैं जिनकी दुर्भाग्यवश मौत हो गई। भारत गाजा शांति योजना का समर्थन करता है और उम्मीद करता है कि यह क्षेत्र में स्थायी समाधान का रास्ता बनाएगी।'
भारत-इजरायल के आपसी सहयोग की समीक्षाविदेश मंत्री ने कहा कि गिदोन सार की यह यात्रा भारत-इजरायल के आपसी सहयोग की समीक्षा करने और उसे और मजबूत करने का अवसर है। हाल ही में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय निवेश समझौता हुआ है, जो एक अहम कदम है। उन्होंने बताया कि इजरायल के कृषि, अर्थव्यवस्था, पर्यटन और वित्त से जुड़े मंत्री हाल के महीनों में भारत की यात्रा कर चुके हैं।
इजरायल में निवेश के अवसरों की तलाशः जयशंकरजयशंकर ने कहा कि भारत ने हाल के वर्षों में रेल, सड़क, बंदरगाह, नवीकरणीय ऊर्जा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई नई क्षमताएं विकसित की हैं। उन्होंने दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया 'हमारे उद्योगपति इजरायल में निवेश के अवसरों को लेकर उत्साहित हैं और हम भी इसे आगे बढ़ाना चाहते हैं। कृषि और नवाचार के क्षेत्र में हमारा सहयोग पहले से ही मजबूत है और इसे आगे ले जाना दोनों देशों के हित में है।'
इजरायल की भागीदारी का बेसब्री से इंतजारजयशंकर ने यह भी कहा कि भारत और इजरायल का सेमीकंडक्टर और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में भी लंबा सहयोग रहा है, जो अब और ज्यादा अहम हो गया है। विदेश मंत्री ने बताया कि भारत अगले साल फरवरी में 'AI Impact Summit' की मेजबानी करेगा और इजरायल की भागीदारी का बेसब्री से इंतजार है।
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