दमिश्क: दक्षिणी सीरिया में पांच दिनों तक चले भीषण संघर्ष के बाद सीरिया ने बुधवार रात को घोषणा की कि उसने ड्रूज बहुल स्वेदा शहर से अपनी सेना को वापस बुलाना शुरू कर दिया है। सीरिया की अहमद अल-शरा सरकार ने ड्रूज नेताओं के साथ एक नए युद्धविराम पर सहमति जताते हुए कहा कि इससे वहां उसके सैन्य अभियान पूरी तरह रुक जाएंगे। समझौते की घोषणा इजरायल के सीरिया पर भीषण हवाई हमले के बाद हुई है। इजरायल ने ड्रूज अल्पसंख्यकों की रक्षा का वादा करते हुए सीरिया के ऊपर 160 से ज्यादा हवाई हमले किए थे।
युद्धविराम पर बनी सहमति
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि पिछले सप्ताह के आखिर से चल रहे सांप्रदायिक संघर्ष में शामिल पक्ष युद्धविराम के लिए विशिष्ट कदमों पर सहमत हो गए हैं। समझौते की घोषणा दिन में एक प्रमुख ड्रूज धर्मगुरु शेख यूसुफ जेरबुआ ने की थी। इसके तहत शासन की सैन्य इकाइयों को पीछे हटना होगा और स्थानीय ड्रूज बलों को आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने की अनुमति देनी होगी।
रात में शुरू हुई सीरियाई सैनिकों की वापसी
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि समझौते की शर्तों के तहत रात करीब 9 बजे सैनिकों की वापसी शुरू हुई। समझौते के तहत शासन से जुड़े पुलिस बलों को प्रांत में बने रहने और स्थानीय ड्रूज सुरक्षा बलों के साथ समन्वय करने की अनुमति दी गई है। इसके पहले पांच दिनों तक चले संघर्ष के दौरान सरकारी बलों और उसकी सहयोगी बेडौइन सुन्नी मिलिशिया पर ड्रूज नागरिकों की हत्या, धार्मिक नेताओं का अपमान और घरों में लूटपाट व आगजनी शामिल है। इन घटनाओं की जांच के लिए आयोग का गठन किया जाना है।
स्वेदा में कैसे शुरू हुई हिंसा?
स्वेदा में हिंसा तब शुरू हुई, जबे बेडौइन बंदूकधारियों ने स्वेदा के युवा ड्रूज को लूट लिया। बदले में स्थानीय निवासियों ने बेडौइन जनजातियों के कई सदस्यों को हिरासत में ले लिया, जिससे तनाव बढ़ गया। मंगलवार को अल-शरा की सेना प्रांतीय राजधानी में घुस गईं। सरकारी बलों ने दावा किया कि उनका उद्देश्य व्यवस्था बहाल करना है, लेकिन रिपोर्टों के अनुसार वे भी झड़पों में शामिल हो गए और ड्रूज आबादी पर हमले करने लगे।
ड्रूजों को बचाने उतरा इजरायल
ड्रूज नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की और इसे नरसंहार का अभियान बताया। जवाब में इजरायल ने सीरियाई सेना को स्वेदा से बाहर निकालने के लिए हवाई हमले शुरू किए। इन हमलों में दमिश्क स्थित सीरियाई सैन्य मुख्यालय भी शामिल था, जिसका सीरियाई टीवी पर सीधा प्रसारण किया। रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल ने सीरिया में 160 से ज्यादा हवाई हमले किए हैं।
इजरायल पर भड़के अल-शरा
इस बीच सीरियाई राष्ट्रपति अहमद अल-शरा ने इजरायल पर सीरिया में अराजकता फैलाने का आरोप लगाया है। अल-शरा ने एक बयान में ड्रूज गढ़ में हिंसक झड़पों और उनकी रक्षा के लिए इजरायली हस्तक्षेप पर बात की। अल-शरा ने कहा, 'इजरायल हमारी जमीन को अराजकता के अखाड़े में बदलना चाहता है। सीरियाई लोग अपनी गरिमा की खातिर लड़ने के लिए तैयार हैं। हम इस धरती के बच्चे हैं और इजरायल की कोशिशों को नाकाम करने में सक्षम हैं। हम उन लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए उत्सुक हैं, जिन्होंने हमारे ड्रूज लोगों को नुकसान पहुंचाया है। उनके अधिकारों की रक्षा हमारी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर है।'
युद्धविराम पर बनी सहमति
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि पिछले सप्ताह के आखिर से चल रहे सांप्रदायिक संघर्ष में शामिल पक्ष युद्धविराम के लिए विशिष्ट कदमों पर सहमत हो गए हैं। समझौते की घोषणा दिन में एक प्रमुख ड्रूज धर्मगुरु शेख यूसुफ जेरबुआ ने की थी। इसके तहत शासन की सैन्य इकाइयों को पीछे हटना होगा और स्थानीय ड्रूज बलों को आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने की अनुमति देनी होगी।
रात में शुरू हुई सीरियाई सैनिकों की वापसी
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि समझौते की शर्तों के तहत रात करीब 9 बजे सैनिकों की वापसी शुरू हुई। समझौते के तहत शासन से जुड़े पुलिस बलों को प्रांत में बने रहने और स्थानीय ड्रूज सुरक्षा बलों के साथ समन्वय करने की अनुमति दी गई है। इसके पहले पांच दिनों तक चले संघर्ष के दौरान सरकारी बलों और उसकी सहयोगी बेडौइन सुन्नी मिलिशिया पर ड्रूज नागरिकों की हत्या, धार्मिक नेताओं का अपमान और घरों में लूटपाट व आगजनी शामिल है। इन घटनाओं की जांच के लिए आयोग का गठन किया जाना है।
स्वेदा में कैसे शुरू हुई हिंसा?
स्वेदा में हिंसा तब शुरू हुई, जबे बेडौइन बंदूकधारियों ने स्वेदा के युवा ड्रूज को लूट लिया। बदले में स्थानीय निवासियों ने बेडौइन जनजातियों के कई सदस्यों को हिरासत में ले लिया, जिससे तनाव बढ़ गया। मंगलवार को अल-शरा की सेना प्रांतीय राजधानी में घुस गईं। सरकारी बलों ने दावा किया कि उनका उद्देश्य व्यवस्था बहाल करना है, लेकिन रिपोर्टों के अनुसार वे भी झड़पों में शामिल हो गए और ड्रूज आबादी पर हमले करने लगे।
ड्रूजों को बचाने उतरा इजरायल
ड्रूज नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की और इसे नरसंहार का अभियान बताया। जवाब में इजरायल ने सीरियाई सेना को स्वेदा से बाहर निकालने के लिए हवाई हमले शुरू किए। इन हमलों में दमिश्क स्थित सीरियाई सैन्य मुख्यालय भी शामिल था, जिसका सीरियाई टीवी पर सीधा प्रसारण किया। रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल ने सीरिया में 160 से ज्यादा हवाई हमले किए हैं।
इजरायल पर भड़के अल-शरा
इस बीच सीरियाई राष्ट्रपति अहमद अल-शरा ने इजरायल पर सीरिया में अराजकता फैलाने का आरोप लगाया है। अल-शरा ने एक बयान में ड्रूज गढ़ में हिंसक झड़पों और उनकी रक्षा के लिए इजरायली हस्तक्षेप पर बात की। अल-शरा ने कहा, 'इजरायल हमारी जमीन को अराजकता के अखाड़े में बदलना चाहता है। सीरियाई लोग अपनी गरिमा की खातिर लड़ने के लिए तैयार हैं। हम इस धरती के बच्चे हैं और इजरायल की कोशिशों को नाकाम करने में सक्षम हैं। हम उन लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए उत्सुक हैं, जिन्होंने हमारे ड्रूज लोगों को नुकसान पहुंचाया है। उनके अधिकारों की रक्षा हमारी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर है।'
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