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Maharashtra News: फडणवीस सरकार का बड़ा ऐलान, 2030 तक सभी को देंगे घर, 5 साल में बनाए जाएंगे 35 लाख आवास

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मुंबई: महाराष्ट्र की महायुति सरकार के मंत्रिमंडल ने राज्य की नई गृह निर्माण नीति 2025 को मंजूरी दे दी है। सरकार ने 'मेरा घर-मेरा अधिकार' का नारा देते हुए साल 2030 तक राज्य के प्रत्येक परिवार को मजबूत, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल घर देने का वादा किया है। इस नीति के बाबत मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि नई नीति के माध्यम से आम आदमी को घर मुहैया कराना है। नीति में निम्न आय वर्ग, वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, औद्योगिक श्रमिकों और छात्रों को प्राथमिकता दी गई है। इस नीति में 70,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ झुग्गी पुनर्वास को लेकर एक व्यापक कार्यक्रम शामिल है। नयी नीति में ग्रामीण और शहरी इलाकों में आवासों की जरूरत पर विचार किया गया है। 2007 में बनाई थी गृह निर्माण नीति इससे पहले राज्य सरकार ने 2007 में गृह निर्माण नीति बनाई थी। 18 साल तक वह पुरानी नीति चलती रही। आज नई गृह निर्माण नीति-2025 बनाई गई है। इस नीति के बाबत मुख्यमंत्री फडणवीस कहते है कि सालों से चल रहे प्रोजेक्ट, रखड़े प्रोजेक्ट, आंधे-अधूरे प्रोजेक्ट, रिडिवलेपमेंट के प्रोजेक्ट सहित सभी को नई नीति शामिल किया है। शुरुआत में जो एसआरए के रीहैब की जो बिल्डिंग बनाई गई आज वह वर्टिकल झोपड़पट्टी जैसा हो गया है। नए रीहैब के घरों में हर संभव व्यवस्था का प्रावधान नई गृह निर्माण नीति में इसका ध्यान दिया गया है। पॉलिसी के बारे में क्या बोले सीएम?पॉलिसी के बारे में आगे सीएम ने बताया कि कामकाजी महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और छात्रों के लिए किफायती और समावेशी आवास पर विचार किया गया है। किराए के आवास और भूमि बैंक बनाने के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी हितधारकों और योजनाओं को एक ही पोर्टल ‘महा आवास’ पर लाया जाएगा। सरकारी भूमि का मान चित्रण किया जाएगा और उसे आवास के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। आवास की मजबूती एक महत्वपूर्ण कारक होगी और इसे आधुनिक तकनीक के साथ सुनिश्चित किया जाएगा। नए गृह निर्माण नीति की प्रमुख बातें- 18 साल बाद बनाई गई नीति।- 2030 तक एमआईजी, एलआईजी वर्ग के लिए 35 लाख मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अगले 10 साल में 50 लाख घर बनाने का टारगेट।- 70,000 करोड़ रुपये के निवेश ही उम्मीद।- 2026 तक सभी जिलों में आवास की आवश्यकता और मांग का सर्वेक्षण और विश्लेषण परियोजना तैयार की जाएगी।- झोपड़पट्टी पुनर्वास के लिए केंद्र सरकार की जमीन का उपयोग का प्रस्ताव है।- आर्थिक, सामाजिक, पर्यावरण और आपदा संबंधी चुनौतियों का सामना करते हुए किफायती, समावेशी, मजबूत और नवीकरणीय के आधार पर बनाई गई है।- नीति में वरिष्ठ नागरिकों, कामकाजी महिलाओं, छात्रों और औद्योगिक श्रमिकों के लिए विशेष उपायों का प्रस्ताव है।- कामकाजी महिलाओं और विद्यार्थियों को मकान पट्टे पर उपलब्ध कराने का प्रावधान।- औद्योगिक श्रमिकों को 10 वर्ष तक के लिए पट्टे पर मकान उपलब्ध कराए जाएंगे, जिसके बाद स्वामित्व दिया जाएगा।- सरकारी कर्मचारी, पूर्व सैनिकों, स्वतंत्रता सेनानियों, विकलांगों, पत्रकारों, कलाकारों, मिल श्रमिकों तथा हवाई अड्डा कर्मचारियों के लिए आवास योजना लागू करने का प्रस्ताव है।- मरीजों के रिश्तेदारों को किराए पर किफायती आवास उपलब्ध कराने के लिए मुंबई जैसे शहरों में प्रमुख अस्पतालों के निकट आवास निर्माण किए जाएंगे।- सहकारी आवास समितियों के भवनों के स्व-पुनर्विकास की प्रक्रिया को प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तर पर एक स्व-पुनर्विकास प्रकोष्ठ बनाया जाएगा।- झुग्गी पुनर्वास परियोजनाओं के लिए आईटी आधारित पद्धति, क्लस्टर पुनर्विकास को बढ़ावा दिया जाएगा।- खतरनाक इमारतों के पुनर्विकास में 33 (7)ए की तर्ज पर प्रोत्साहन एफएसआई देकर पुनर्विकास करने को बढ़ावा दिया जाएगा। रूकी हुई परियोजनाओं में नए डेवलपर्स का चयन किया जाएगा।
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