खार्तूम: गृहयुद्ध के आग में जल रहे सूडान को हथियार देने पर यूनाइटेड नेशंस ने रोक लगा रखी है। इसके पीछे की वजह ये है कि देश की सेना ही दो टुकड़ों में बंटकर गृहयुद्ध लड़ रही है। सूडान गृहयुद्ध में अभी तक 70 हजार से ज्यादा लोगों की बमबारी में मौत हो चुकी है। फिर भी पाकिस्तान ने सूडान की सेना के एक हिस्से को घातक हथियार सौंपने के लिए डेढ़ अरब डॉलर का सौदा किया है। पाकिस्तान ने उत्तर-पूर्वी अफ्रीकी देश सूडान की सेना, सूडान आर्म्ड फोर्सेस यानि SAF के साथ 1.5 अरब डॉलर का रक्षा सौदा किया है। इस सौदे के तहत जनरल अब्देल फत्ताह अल-बुरहान की अगुवाई वाली सैन्य जुंटा को पाकिस्तान लड़ाकू विमान, इंजन, बख्ततरबंद वाहन और बड़ी संख्या में ड्रोन देगा।
पाकिस्तान ने यह सौदा ऐसे समय में किया है जब सूडान गृहयुद्ध से तबाह हो चुका है और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की जकड़ में फंसी वहां की सेना लगातार मानवीय संकट को और खतरनाक बना रही है। माना जा रहा है कि इस सौदे का भुगतान किसी तीसरे देश द्वारा किया जाएगा। सूडान में सेना नागरिकों की आबादी पर बमबारी से भी परहेज नहीं करती है और इसी वजह से आधिकारिक तौर पर 70 हजार लोग मारे गये हैं, जबकि वास्तविक आंकड़ा एक लाख से ज्यादा होने की आशंका है। दिप्रिंट के मुताबिक इस समझौते पर हस्ताक्षर सूडान एयरफोर्स के प्रमुख एल ताहिर मोहम्मद एल अमीन की इस्लामाबाद यात्रा के दौरान किए गये हैं, जहां उन्होंने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, वायुसेना प्रमुख और अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों से मुलाकात की थी।
सूडान गृहयुद्ध में पाकिस्तान की पेट्रोल बारिश
पाकिस्तान ने सूडान की सेना के साथ हथियार सौदा उस वक्त किया है, जब पश्चिमी देशों ने सूडान के साथ किसी भी तरह के हथियार सौदे पर प्रतिबंध लगा रखा है। दूसरी तरफ इस हथियार सौदे के साथ पाकिस्तान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के बीच चल रही प्रतिस्पर्धा में भी उलझ गया है। स्विस सरकार के प्रतिबंध दस्तावेजों के मुताबिक, सुडान सेना के प्रमुख एल अमीन को नागरिक इलाकों में अंधाधुंध बमबारी के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। इन हमलों ने खार्तूम, ओमदुर्मन, दक्षिण दारफुर के न्याला और उत्तर कोर्दोफान जैसे इलाकों में भारी तबाही मचाई थी। मई 2023 में खार्तूम के ईस्ट नाइल हॉस्पिटल और मई 2024 में एल-फशर के बाबिकर नाहर पीडियाट्रिक हॉस्पिटल पर एयर स्ट्राइक में सैकड़ों लोग मारे गये थे, जिसकी काफी आलोचना की गई थी।
इस साल की शुरुआत में अमेरिकी वित्त विभाग ने सूडान की सेना SAF के प्रमुख अल-बुरहान पर भी प्रतिबंध लगाए थे। अमेरिका ने कहा था कि बुरहान ने स्थानीय आबादी, भीड़ भाड़ वाले बाजार, स्कूल और अस्पतालों पर दर्जनों बार बम बरसाए हैं, जिसमें भारी संख्या में आम नागरिकों की मौत हुई है। फिर भी पाकिस्तान ने SAF के साथ डेढ़ अरब डॉलर का हथियार सौदा किया है। हर वक्त मुसलमान मुसलमान करने वाले पाकिस्तान को दोगलापन देखिए, कि उसने एक बार भी नहीं सोचा कि SAF जो बम गिराएगा, ये फाइटर जेट से हमला करेगा, उसमें मरने वाला मुसलमान के अलावा कौन होगा। सूडान में तो 95 प्रतिशत से ज्यादा आबादी मुसलमानों की ही है, तो फिर क्या पाकिस्तान इस नरसंहार में जिम्मेदार नहीं है?
सूडान में क्यों चल रहा है गृहयुद्ध?
सूडान में 2023 में गृहयुद्ध शुरू हुआ था, जिसमें 70 हजार लोगों की मौत की बात आधिकारिक तौर पर कही गई है। सूडान में दो तरह की सेना हैं। एक सेना SAF और दूसरा रैपिट सपोर्ट फोर्स यानि RSF। बाहरी ताकतें, जैसे सऊदी अरब और UAE, SAF को समर्थन देते हैं, जबकि इथियोपिया और कुछ अन्य देश RSF को समर्थन देते हैं। इस सत्ता संघर्ष में जातीय हिंसा, लूटपाट और नागरिकों पर हमले ने हालात और बिगाड़ दिए। जिसकी वजह से सूडान में गाजा से भी खतरनाक भूखमरी के हालात हैं। लेकिन गाजा को लेकर हल्ला मचाने वाले सूडान को लेकर खामोश हैं। सऊदी अरब ने ईरान को बाहर रखने और लाल सागर में स्थिरता लाने की उम्मीद में SAF का समर्थन किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान अब SAF को K-8 कराकोरम हल्के लड़ाकू विमान के 10 यूनिट, मिग-21 लड़ाकू विमान के इंजन, HQ-9 और HQ-6 एयर डिफेंस सिस्टम, बख्तरबंद वाहन और सैकड़ों ड्रोन सौंपने वाला है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह सौदा सूडानी सेना को काफी ताकतवर बना देगा, जिससे सेना भयानक नरसंहार करेगी। SAF और RSF, दोनों ही नागरिकों को ढाल बनाकर एक दूसरे पर हमला करते हैं, जैसे हमास या दूसरे आतंकी संगठन करते हैं। इन सभी के लड़ाई लड़ने का तरीका एक ही है। नागरिकों को ढाल बनाकर हमला करना। लेकिन जब जवाबी कार्रवाई होती है तो दर्जनों से लेकर सैकड़ों लोग एक हमले में मारे जाते हैं।
पाकिस्तान ने यह सौदा ऐसे समय में किया है जब सूडान गृहयुद्ध से तबाह हो चुका है और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की जकड़ में फंसी वहां की सेना लगातार मानवीय संकट को और खतरनाक बना रही है। माना जा रहा है कि इस सौदे का भुगतान किसी तीसरे देश द्वारा किया जाएगा। सूडान में सेना नागरिकों की आबादी पर बमबारी से भी परहेज नहीं करती है और इसी वजह से आधिकारिक तौर पर 70 हजार लोग मारे गये हैं, जबकि वास्तविक आंकड़ा एक लाख से ज्यादा होने की आशंका है। दिप्रिंट के मुताबिक इस समझौते पर हस्ताक्षर सूडान एयरफोर्स के प्रमुख एल ताहिर मोहम्मद एल अमीन की इस्लामाबाद यात्रा के दौरान किए गये हैं, जहां उन्होंने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, वायुसेना प्रमुख और अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों से मुलाकात की थी।
सूडान गृहयुद्ध में पाकिस्तान की पेट्रोल बारिश
पाकिस्तान ने सूडान की सेना के साथ हथियार सौदा उस वक्त किया है, जब पश्चिमी देशों ने सूडान के साथ किसी भी तरह के हथियार सौदे पर प्रतिबंध लगा रखा है। दूसरी तरफ इस हथियार सौदे के साथ पाकिस्तान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के बीच चल रही प्रतिस्पर्धा में भी उलझ गया है। स्विस सरकार के प्रतिबंध दस्तावेजों के मुताबिक, सुडान सेना के प्रमुख एल अमीन को नागरिक इलाकों में अंधाधुंध बमबारी के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। इन हमलों ने खार्तूम, ओमदुर्मन, दक्षिण दारफुर के न्याला और उत्तर कोर्दोफान जैसे इलाकों में भारी तबाही मचाई थी। मई 2023 में खार्तूम के ईस्ट नाइल हॉस्पिटल और मई 2024 में एल-फशर के बाबिकर नाहर पीडियाट्रिक हॉस्पिटल पर एयर स्ट्राइक में सैकड़ों लोग मारे गये थे, जिसकी काफी आलोचना की गई थी।
इस साल की शुरुआत में अमेरिकी वित्त विभाग ने सूडान की सेना SAF के प्रमुख अल-बुरहान पर भी प्रतिबंध लगाए थे। अमेरिका ने कहा था कि बुरहान ने स्थानीय आबादी, भीड़ भाड़ वाले बाजार, स्कूल और अस्पतालों पर दर्जनों बार बम बरसाए हैं, जिसमें भारी संख्या में आम नागरिकों की मौत हुई है। फिर भी पाकिस्तान ने SAF के साथ डेढ़ अरब डॉलर का हथियार सौदा किया है। हर वक्त मुसलमान मुसलमान करने वाले पाकिस्तान को दोगलापन देखिए, कि उसने एक बार भी नहीं सोचा कि SAF जो बम गिराएगा, ये फाइटर जेट से हमला करेगा, उसमें मरने वाला मुसलमान के अलावा कौन होगा। सूडान में तो 95 प्रतिशत से ज्यादा आबादी मुसलमानों की ही है, तो फिर क्या पाकिस्तान इस नरसंहार में जिम्मेदार नहीं है?

सूडान में क्यों चल रहा है गृहयुद्ध?
सूडान में 2023 में गृहयुद्ध शुरू हुआ था, जिसमें 70 हजार लोगों की मौत की बात आधिकारिक तौर पर कही गई है। सूडान में दो तरह की सेना हैं। एक सेना SAF और दूसरा रैपिट सपोर्ट फोर्स यानि RSF। बाहरी ताकतें, जैसे सऊदी अरब और UAE, SAF को समर्थन देते हैं, जबकि इथियोपिया और कुछ अन्य देश RSF को समर्थन देते हैं। इस सत्ता संघर्ष में जातीय हिंसा, लूटपाट और नागरिकों पर हमले ने हालात और बिगाड़ दिए। जिसकी वजह से सूडान में गाजा से भी खतरनाक भूखमरी के हालात हैं। लेकिन गाजा को लेकर हल्ला मचाने वाले सूडान को लेकर खामोश हैं। सऊदी अरब ने ईरान को बाहर रखने और लाल सागर में स्थिरता लाने की उम्मीद में SAF का समर्थन किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान अब SAF को K-8 कराकोरम हल्के लड़ाकू विमान के 10 यूनिट, मिग-21 लड़ाकू विमान के इंजन, HQ-9 और HQ-6 एयर डिफेंस सिस्टम, बख्तरबंद वाहन और सैकड़ों ड्रोन सौंपने वाला है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह सौदा सूडानी सेना को काफी ताकतवर बना देगा, जिससे सेना भयानक नरसंहार करेगी। SAF और RSF, दोनों ही नागरिकों को ढाल बनाकर एक दूसरे पर हमला करते हैं, जैसे हमास या दूसरे आतंकी संगठन करते हैं। इन सभी के लड़ाई लड़ने का तरीका एक ही है। नागरिकों को ढाल बनाकर हमला करना। लेकिन जब जवाबी कार्रवाई होती है तो दर्जनों से लेकर सैकड़ों लोग एक हमले में मारे जाते हैं।
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