नई दिल्ली: दिल्ली के वसंतकुंज इलाके में बीती रात एक डंपर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें दो लोग घायल होकर फंस गए। समय रात के करीब 3 बजे का था। उसी दौरान दिल्ली ट्रैफिक पुलिस में पोस्टेड एक आईपीएस ऑफिसर अपने घर लौट रहे थे। उन्होंने सड़क हादसा हुआ देखा तो अपनी गाड़ी रुकवाई। इसके बाद डंपर में फंसे दोनों घायलों को लोगों की मदद से बाहर निकालकर उन्हें अस्पताल पहुंचाया। एक शख्स तो इस कदर घायल था कि उसकी बायीं आंख बाहर निकल आई थी। डॉक्टर उसकी आंख की सर्जरी कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, हादसा वसंत कुंज इलाके में हुआ था। उसी दौरान डीसीपी ट्रैफिक (हेडक्वॉर्टर) शशांक जायसवाल आईआईएम में लेक्चर देने के बाद दिल्ली वापस लौटे थे। देर रात करीब 3 बजे अपने घर जा रहे थे कि रास्ते में उन्होंने एक डंपर को दुर्घटनाग्रस्त खड़ा देखा। वहां लोग भी जमा थे। पूछताछ करने पर पता चला कि उसमें दो लोग फंसे हुए हैं, जिसके बाद डीसीपी अपनी गाड़ी से बाहर निकले और घायलों को बाहर निकालने का प्रयास करना शुरू किया। दोनों को बाहर निकालकर कैब की मदद से अस्पताल पहुंचाया।
लोकल पुलिस कर रही मामले की छानबीन
इस दौरान वह अपनी गाड़ी से रास्ता बनवाते हुए गए। डॉक्टर्स से बात करके घायल की फौरन सर्जरी शुरू करवाई। डीसीपी खुद तड़के 5:30 बजे तक अस्पताल में रहे और डॉक्टर्स से बातचीत करते रहे। डीसीपी ने ही मामले में पीसीआर कॉल भी की है। फिलहाल लोकल पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। घायलों का इलाज जारी है। घायलों की पहचान जगदीश और दिनेश के रूप में हुई है।
एक साल में चौथी बार बने फरिश्ता
शशांक जायसवाल करीब एक साल में चौथी बार दिल्लीवालों के लिए फरिश्ता बनकर पहुंचे हैं। इससे पहले भी वह तीन बार सड़क हादसों में घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाने का नेक काम कर चुके हैं। उनका कहना है कि आज कल लोग मदद करने की जगह वीडियो बनाते हैं, जबकि उनका पहला फर्ज होता है कि वह घायलों को अस्पताल पहुंचाए।
जानकारी के मुताबिक, हादसा वसंत कुंज इलाके में हुआ था। उसी दौरान डीसीपी ट्रैफिक (हेडक्वॉर्टर) शशांक जायसवाल आईआईएम में लेक्चर देने के बाद दिल्ली वापस लौटे थे। देर रात करीब 3 बजे अपने घर जा रहे थे कि रास्ते में उन्होंने एक डंपर को दुर्घटनाग्रस्त खड़ा देखा। वहां लोग भी जमा थे। पूछताछ करने पर पता चला कि उसमें दो लोग फंसे हुए हैं, जिसके बाद डीसीपी अपनी गाड़ी से बाहर निकले और घायलों को बाहर निकालने का प्रयास करना शुरू किया। दोनों को बाहर निकालकर कैब की मदद से अस्पताल पहुंचाया।
लोकल पुलिस कर रही मामले की छानबीन
इस दौरान वह अपनी गाड़ी से रास्ता बनवाते हुए गए। डॉक्टर्स से बात करके घायल की फौरन सर्जरी शुरू करवाई। डीसीपी खुद तड़के 5:30 बजे तक अस्पताल में रहे और डॉक्टर्स से बातचीत करते रहे। डीसीपी ने ही मामले में पीसीआर कॉल भी की है। फिलहाल लोकल पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। घायलों का इलाज जारी है। घायलों की पहचान जगदीश और दिनेश के रूप में हुई है।
एक साल में चौथी बार बने फरिश्ता
शशांक जायसवाल करीब एक साल में चौथी बार दिल्लीवालों के लिए फरिश्ता बनकर पहुंचे हैं। इससे पहले भी वह तीन बार सड़क हादसों में घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाने का नेक काम कर चुके हैं। उनका कहना है कि आज कल लोग मदद करने की जगह वीडियो बनाते हैं, जबकि उनका पहला फर्ज होता है कि वह घायलों को अस्पताल पहुंचाए।
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