रांचीः रांची में सेल टाउनशिप स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) के शिक्षक माइकल घोष का क्षत-विक्षत शव रविवार को जोन्हा फॉल से करीब चार किलोमीटर दूर झाड़ी से बरामद किया गया है। वह 19 जून को झरने की तेज धारा में बह गए थे। इसके बाद से ही उनका कुछ पता नहीं चल पा रहा था।
दो साथी शिक्षकों के साथ गए थे जोन्हा फॉल घूमने
डीपीएस में म्यूजिक टीचर के रूप में काम करने वाले माइकल घोष मूल रूप से झारखंड के धनबाद के निवासी थे। वह रांची के अलकापुरी मुहल्ले में किराए के मकान में रहते थे। बताया गया कि वह अपने दो साथी शिक्षकों पंकज श्रीवास्तव और ऋतिक सामंता के साथ जोन्हा फॉल घूमने गए थे। वहां एक ऊंचे चट्टान पर चढ़कर फोटो खिंचवाते समय फिसलकर पानी में गिर गए थे।
एनडीआरएफ की 30 सदस्यीय टीम खोजबीन में थी जुटी
घटना के बाद से ही प्रशासन के अलावा एनडीआरएफ की 30 सदस्यीय टीम उनकी खोजबीन में लगी हुई थी। जोन्हा थाने के प्रभारी हीरालाल शाह ने बताया कि शव की खोज के लिए लगातार दो दिन तक ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल किया गया। साथ ही करीब 10 किलोमीटर दूर तक तलाशी अभियान चलाया गया। स्थानीय ग्रामीण भी अपने स्तर से उनकी तलाश करने में जुटे थे। इसके बाद भी उनका कुछ पता नहीं चल पा रहा था।
ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस टीम पहुंची
रविवार सुबह ग्रामीणों को झाड़ी में एक शव फंसा हुआ मिला। सूचना पर पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और शव की पहचान माइकल घोष के रूप में की गई। एनडीआरएफ और प्रशासन के सर्च ऑपरेशन के विफल होने से माइकल घोष के परिजन मायूस थे। रविवार को शव बरामद होने के बाद उनके घर वालों को सूचना दी गई। शव को पोस्टमार्टम के लिए रांची स्थित रिम्स भेजा जाएगा।
दो साथी शिक्षकों के साथ गए थे जोन्हा फॉल घूमने
डीपीएस में म्यूजिक टीचर के रूप में काम करने वाले माइकल घोष मूल रूप से झारखंड के धनबाद के निवासी थे। वह रांची के अलकापुरी मुहल्ले में किराए के मकान में रहते थे। बताया गया कि वह अपने दो साथी शिक्षकों पंकज श्रीवास्तव और ऋतिक सामंता के साथ जोन्हा फॉल घूमने गए थे। वहां एक ऊंचे चट्टान पर चढ़कर फोटो खिंचवाते समय फिसलकर पानी में गिर गए थे।
एनडीआरएफ की 30 सदस्यीय टीम खोजबीन में थी जुटी
घटना के बाद से ही प्रशासन के अलावा एनडीआरएफ की 30 सदस्यीय टीम उनकी खोजबीन में लगी हुई थी। जोन्हा थाने के प्रभारी हीरालाल शाह ने बताया कि शव की खोज के लिए लगातार दो दिन तक ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल किया गया। साथ ही करीब 10 किलोमीटर दूर तक तलाशी अभियान चलाया गया। स्थानीय ग्रामीण भी अपने स्तर से उनकी तलाश करने में जुटे थे। इसके बाद भी उनका कुछ पता नहीं चल पा रहा था।
ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस टीम पहुंची
रविवार सुबह ग्रामीणों को झाड़ी में एक शव फंसा हुआ मिला। सूचना पर पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और शव की पहचान माइकल घोष के रूप में की गई। एनडीआरएफ और प्रशासन के सर्च ऑपरेशन के विफल होने से माइकल घोष के परिजन मायूस थे। रविवार को शव बरामद होने के बाद उनके घर वालों को सूचना दी गई। शव को पोस्टमार्टम के लिए रांची स्थित रिम्स भेजा जाएगा।
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