चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मोहम्मद मुस्तफा के पुत्र की मौत की सीबीआई जांच की सिफारिश की है। सूत्रों की मानें तो केंद्र द्वारा राज्य सरकार के अनुरोध को स्वीकार करने के बाद तफ्तीश की जिम्मेदारी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी जाएगी। हरियाणा पुलिस ने मुस्तफा और उनकी पत्नी एवं पंजाब की पूर्व मंत्री रज़िया सुल्ताना के खिलाफ उनके 35 वर्षीय पुत्र अकील अख्तर की मौत से संबंधित मामले में प्राथमिकी दर्ज की है। अख्तर को 16 अक्टूबर को हरियाणा के पंचकूला में उनके आवास पर मृत पाया गया था। इस मामले में अख्तर की पत्नी और बहन को भी नामजद किया गया है।
20 अक्टूबर को दर्ज हुआ था केस
हत्या और आपराधिक साजिश के आरोप में प्राथमिकी 20 अक्टूबर को दर्ज की गई। इस बाबत पंजाब के मलेरकोटला के शमशुद्दीन ने अकील की मौत में साजिश का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने पहले कहा था कि शिकायतकर्ता ने बताया कि अख्तर की मौत 'संदिग्ध परिस्थितियों' में हुई है। शमशुद्दीन ने पंचकूला पुलिस को कहा कि वह इस परिवार को अच्छी तरह से जानता है। शिकायतकर्ता ने एक कथित वीडियो का हवाला दिया, जो अगस्त में अख्तर ने रिकॉर्ड किया था, जिसमें उन्होंने अपने पिता और अन्य परिवार के सदस्यों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं।
सभी आरोपों को गलत बताया
मुस्तफा 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी थे और अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वह पंजाब के डीजीपी (मानवाधिकार) रह चुके हैं, जबकि उनकी पत्नी राज्य की पिछली कांग्रेस सरकार में मंत्री थीं। मुस्तफा ने अपने बेटे की मौत से जुड़े सभी आरोपों को 'पूरी तरह से गलत' बताया है। मुस्तफा परिवार ने कहा है कि अकील पंचकूला के एक अस्पताल में इलाज करवा रहा था क्योंकि वह 'साइकोटिक' (मानसिक रोग से ग्रस्त) हो गया था और उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। पूर्व डीजीपी ने मंगलवार को सहारनपुर में मीडिया से कहा कि उन्होंने अपने और अपनी पत्नी के खिलाफ दर्ज मामले का स्वागत किया है क्योंकि जांच से 'सच्चाई उजागर होगी।'
डीजीपी ने अपनी सफाई में क्या कहा
अपने बेटे के कथित वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए, पूर्व डीजीपी ने कहा कि उनका बेटा लगभग 18 वर्षों से एक मनोवैज्ञानिक विकार से पीड़ित था और नशे की लत से भी जूझ रहा था। मुस्तफा ने पत्रकारों से कहा कि अपने रोग के कारण वह अक्सर हिंसक हो जाता था। पंचकूला पुलिस की विशेष जांच टीम ने बुधवार को कहा कि मौत के कारण का अभी पता नहीं चला है और अब शव के ऊतकों को रासायनिक परीक्षण के लिए भेजा जाएगा।
20 अक्टूबर को दर्ज हुआ था केस
हत्या और आपराधिक साजिश के आरोप में प्राथमिकी 20 अक्टूबर को दर्ज की गई। इस बाबत पंजाब के मलेरकोटला के शमशुद्दीन ने अकील की मौत में साजिश का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने पहले कहा था कि शिकायतकर्ता ने बताया कि अख्तर की मौत 'संदिग्ध परिस्थितियों' में हुई है। शमशुद्दीन ने पंचकूला पुलिस को कहा कि वह इस परिवार को अच्छी तरह से जानता है। शिकायतकर्ता ने एक कथित वीडियो का हवाला दिया, जो अगस्त में अख्तर ने रिकॉर्ड किया था, जिसमें उन्होंने अपने पिता और अन्य परिवार के सदस्यों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं।
सभी आरोपों को गलत बताया
मुस्तफा 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी थे और अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वह पंजाब के डीजीपी (मानवाधिकार) रह चुके हैं, जबकि उनकी पत्नी राज्य की पिछली कांग्रेस सरकार में मंत्री थीं। मुस्तफा ने अपने बेटे की मौत से जुड़े सभी आरोपों को 'पूरी तरह से गलत' बताया है। मुस्तफा परिवार ने कहा है कि अकील पंचकूला के एक अस्पताल में इलाज करवा रहा था क्योंकि वह 'साइकोटिक' (मानसिक रोग से ग्रस्त) हो गया था और उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। पूर्व डीजीपी ने मंगलवार को सहारनपुर में मीडिया से कहा कि उन्होंने अपने और अपनी पत्नी के खिलाफ दर्ज मामले का स्वागत किया है क्योंकि जांच से 'सच्चाई उजागर होगी।'
डीजीपी ने अपनी सफाई में क्या कहा
अपने बेटे के कथित वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए, पूर्व डीजीपी ने कहा कि उनका बेटा लगभग 18 वर्षों से एक मनोवैज्ञानिक विकार से पीड़ित था और नशे की लत से भी जूझ रहा था। मुस्तफा ने पत्रकारों से कहा कि अपने रोग के कारण वह अक्सर हिंसक हो जाता था। पंचकूला पुलिस की विशेष जांच टीम ने बुधवार को कहा कि मौत के कारण का अभी पता नहीं चला है और अब शव के ऊतकों को रासायनिक परीक्षण के लिए भेजा जाएगा।
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