गाजियाबाद। 3 नवंबर की रात गाजियाबाद स्वाट टीम ने एनसीआर में चल रहे 'मौत के सामान' वाले एक ऐसे खेल का पर्दाफाश किया, जिसके तार बांग्लादेश तक जुड़े हुए हैं। सोनभद्र पुलिस से मिले खुफिया इनपुट के आधार पर टीम ने दिल्ली-मेरठ हाईवे पर, गुलधर के पास एक गोदाम पर छापा मारा और चार ट्रकों में छिपाकर रखी गई लगभग डेढ़ लाख प्रतिबंधित कप सिरप की शीशियां बरामद की। ये शीशियां ट्रकों में चूने की बोरियों के नीचे खुफिया तरीके से रखी गई थीं और सारी सप्लाई बांग्लादेश के लिए रवाना होनी थी। हालांकि, इस खेप के यहां निकलने से पहले ही गाजियाबाद स्वाट टीम ने ऐन मौके पर पहुंचकर सारे खेल पर पानी फेर दिया।
पुलिस ने कोडीन युक्त इस कफ सीरप की खेप के साथ आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। लेकिन, कफ सिरप की सप्लाई के इस धंधे का सरगना गाजियाबाद के साहिबाबाद इलाके में मकनपुर का रहने वाला सौरव त्यागी है। सौरव त्यागी मकनपुर में ही एक मेडिकल स्टोरा चलाने के साथ-साथ दवाओं की सप्लाई का भी काम करता है। यहीं उसकी मुलाकात कुछ ऐसे लोगों से हुई, जो कफ सिरप की सप्लाई करते हैं। धीरे-धीरे सौरव भी इस धंधे में उतर गया और देखते ही देखते मुख्य सप्लायर बन गया।
सौरव ने देश की राजधानी दिल्ली सहित एनसीआर के इलाकों में कफ सिरप की सप्लाई का जिम्मा संभाला। उसके धंधे में सबकुछ ठीक चल रहा था और वह गाजियाबाद केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन का कोषाध्यक्ष भी बन गया। इसी बीच कफ सिरप की वजह से बच्चों की मौत की घटनाएं सामने आईं। कोडीन युक्त जिन ब्रांड की कफ सिरप सौरव सप्लाई करता था, उन्हें प्रतिबंधित कर दिया गया। ऐसे में सौरव ने सप्लाई के धंधे के लिए दूसरा रास्ता निकाला। अब उसने ये कफ सिरप बांग्लादेश में सप्लाई करनी शुरू कर दी।
साढ़े तीन करोड़ की कफ सिरप3 नवंबर की रात पुलिस ने कफ सिरप की जिस खेप को पकड़ा, वह बांग्लादेश में ही सप्लाई करने के लिए रवाना होने वाली थी। सौरव के अलावा पकड़े गए सात लोग उसी के लिए काम करते हैं। इससे पहले यूपी के सोनभद्र में भी इसी तरह खुफिया तरीके से ले जाई जा रही कफ सिरप की शीशियां पकड़ी गईं। सोनभद्र पुलिस ने ही गाजियाबाद पुलिस को इस खेप के बारे में सुराग दिया, जिसके बाद छापा मारकर प्रतिबंधित कफ सिरप जब्त कर ली गई। पकड़ी गई कफ सिरप की कीमत लगभग साढ़े तीन करोड़ बताई जा रही है। पुलिस को इनके कब्जे से लगभग 20 लाख रुपये कैश भी मिला है।
पुलिस ने कोडीन युक्त इस कफ सीरप की खेप के साथ आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। लेकिन, कफ सिरप की सप्लाई के इस धंधे का सरगना गाजियाबाद के साहिबाबाद इलाके में मकनपुर का रहने वाला सौरव त्यागी है। सौरव त्यागी मकनपुर में ही एक मेडिकल स्टोरा चलाने के साथ-साथ दवाओं की सप्लाई का भी काम करता है। यहीं उसकी मुलाकात कुछ ऐसे लोगों से हुई, जो कफ सिरप की सप्लाई करते हैं। धीरे-धीरे सौरव भी इस धंधे में उतर गया और देखते ही देखते मुख्य सप्लायर बन गया।
सौरव ने देश की राजधानी दिल्ली सहित एनसीआर के इलाकों में कफ सिरप की सप्लाई का जिम्मा संभाला। उसके धंधे में सबकुछ ठीक चल रहा था और वह गाजियाबाद केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन का कोषाध्यक्ष भी बन गया। इसी बीच कफ सिरप की वजह से बच्चों की मौत की घटनाएं सामने आईं। कोडीन युक्त जिन ब्रांड की कफ सिरप सौरव सप्लाई करता था, उन्हें प्रतिबंधित कर दिया गया। ऐसे में सौरव ने सप्लाई के धंधे के लिए दूसरा रास्ता निकाला। अब उसने ये कफ सिरप बांग्लादेश में सप्लाई करनी शुरू कर दी।
साढ़े तीन करोड़ की कफ सिरप3 नवंबर की रात पुलिस ने कफ सिरप की जिस खेप को पकड़ा, वह बांग्लादेश में ही सप्लाई करने के लिए रवाना होने वाली थी। सौरव के अलावा पकड़े गए सात लोग उसी के लिए काम करते हैं। इससे पहले यूपी के सोनभद्र में भी इसी तरह खुफिया तरीके से ले जाई जा रही कफ सिरप की शीशियां पकड़ी गईं। सोनभद्र पुलिस ने ही गाजियाबाद पुलिस को इस खेप के बारे में सुराग दिया, जिसके बाद छापा मारकर प्रतिबंधित कफ सिरप जब्त कर ली गई। पकड़ी गई कफ सिरप की कीमत लगभग साढ़े तीन करोड़ बताई जा रही है। पुलिस को इनके कब्जे से लगभग 20 लाख रुपये कैश भी मिला है।
You may also like

बिहार चुनाव: गयाजी में हम प्रत्याशी ज्योति मांझी के काफिले पर हमला

देव दीपावली: काशी में मां गंगा की गोद से झिलमिलाई आस्था, दीपों से जगमगाया अर्धचंद्राकार गंगा घाट –

कालिदास समारोहः कलाकारों ने भगवान शिव के विभिन्न रूपों को दर्शाया

उज्जैनः बोलेरो की टक्कर से बाइक सवार युवक की मौत

पश्चिम बंगाल: केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार के काफिले पर हमला




