गांधीनगर : गुजरात के गांधीनगर में एक महिला डॉक्टर के साथ डिजिटल अरेस्ट का बड़ा मामला सामने आया है। महिला डॉक्टर 20 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की शिकार हो गई। इस केस में चौंकाने वाली बात यह है कि महिला डॉक्टर को एक-दो दिन नहीं बल्कि तीन महीने तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया। ठगों ने डॉक्टर का घर बिकवा दिया। बैंक अकाउंट खाली करवा दिया। सारी एफडी तक तुड़वा दी।
इस धोखाधड़ी की शुरुआत 15 मार्च से शुरू हुई। महिला डॉक्टर को एक फोन आया। महिला डॉक्टर को कॉल करने वाली महिला ने उन्हें खुद को दूरसंचार विभाग की ज्योति विश्वनाथ बताया। इसके बाद पुलिस, सीआईडी क्राइम साइबर सेल के अफसर बनकर ठगी की गई।
अलग-अलग नंबरों से आई कॉलमहिला डॉक्टर ने बताया कि धोखेबाजों ने पुलिस इंस्पेक्टर, सरकारी वकील और अन्य अधिकारियों के रूप में उसे कॉल करके लगातार डराया। उन्हें FEMA (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) और PMLA (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत गिरफ्तार करने की धमकी दी गई। महिला डॉक्टर ने बताया कि ज्योति विश्वनाथ नाम की महिला के बाद एक अन्य शख्स ने खुद को पुलिस सब इंस्पेक्टर मोहन सिंह बताया, तीसरे ने खुद को सरकारी वकील दीप सैनी और चौथे ने पब्लिक प्रॉसेक्यूटर वेंकटेश्वर के तौर पर अपनी पहचान बताई। एक और सख्स था जो खुद को नोटर ऑफिसर पवन कुमार बता रहा था। ये सब अलग-अलग नंबर्स से कॉल करते थे।
महिला डॉक्टर को डरायामहिला डॉक्टर को कहा गया कि उसके मोबाइल से आपत्तिजनक मेसेज भेजे गए हैं। उन्हें डराया गया कि उनके खिलाफ जाली दस्तावेजों को लेकर एफआईआर दर्ज होगी। कानूनी कार्रवाई और लगातार निगरानी का डर दिखाकर महिला डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया।
हाउस अरेस्ट रखामहिला डॉक्टर को रोजाना वीडियो कॉल के जरिए संपर्क में रहने को धमकाया जाता। हर समय उनका लाइव लोकेशन शेयर करने का निर्देश दिया जाता। उन्हें हाउस अरेस्ट करके रखा गया। यहां तक कि सूरत में वह अपने भतीजे की शादी में गई थीं, यहां भी उन्हें लगातार कॉल के जरिए ट्रेस किया गया।
तीन महीनों में ट्रांसफर करवाई रकमतीन महीनों में महिला डॉक्टर ने अपने अकाउंट से सारी रकम ट्रांसफर कर दी। बैंक अकाउंट खाली होने के बाद महिला डॉक्टर को उनकी फिक्स्ड डिपॉजिट तोड़ने को मजबूर किया गया। उनका घर और सोना बिकवाकर रुपये ले लिए गए। उन्हें लोन लेने और शेयर बेचने के लिए मजबूर किया गया। साइबर क्रिमिनल्स के गिरोह ने 35 अलग-अलग बैंक अकाउंट्स में रुपये ट्रांसफर करवाए गए और निकाल लिए गए।
कंबोडिया से हुई ठगी!पुलिस ने एक खाता धारक को गिरफ्तार किया है। वह सूरत के लालजी जयंतिभाई बलदानिया का था। पुलिस ने बताया कि इस ऑपरेशन के पीछे कंबोडिया के साइबर क्राइम सिंडिकेट हैं। वे भारतीयों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। यहां 5000 से अधिक कॉल सेंटर हैं।
इस धोखाधड़ी की शुरुआत 15 मार्च से शुरू हुई। महिला डॉक्टर को एक फोन आया। महिला डॉक्टर को कॉल करने वाली महिला ने उन्हें खुद को दूरसंचार विभाग की ज्योति विश्वनाथ बताया। इसके बाद पुलिस, सीआईडी क्राइम साइबर सेल के अफसर बनकर ठगी की गई।
अलग-अलग नंबरों से आई कॉलमहिला डॉक्टर ने बताया कि धोखेबाजों ने पुलिस इंस्पेक्टर, सरकारी वकील और अन्य अधिकारियों के रूप में उसे कॉल करके लगातार डराया। उन्हें FEMA (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) और PMLA (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत गिरफ्तार करने की धमकी दी गई। महिला डॉक्टर ने बताया कि ज्योति विश्वनाथ नाम की महिला के बाद एक अन्य शख्स ने खुद को पुलिस सब इंस्पेक्टर मोहन सिंह बताया, तीसरे ने खुद को सरकारी वकील दीप सैनी और चौथे ने पब्लिक प्रॉसेक्यूटर वेंकटेश्वर के तौर पर अपनी पहचान बताई। एक और सख्स था जो खुद को नोटर ऑफिसर पवन कुमार बता रहा था। ये सब अलग-अलग नंबर्स से कॉल करते थे।
महिला डॉक्टर को डरायामहिला डॉक्टर को कहा गया कि उसके मोबाइल से आपत्तिजनक मेसेज भेजे गए हैं। उन्हें डराया गया कि उनके खिलाफ जाली दस्तावेजों को लेकर एफआईआर दर्ज होगी। कानूनी कार्रवाई और लगातार निगरानी का डर दिखाकर महिला डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया।
हाउस अरेस्ट रखामहिला डॉक्टर को रोजाना वीडियो कॉल के जरिए संपर्क में रहने को धमकाया जाता। हर समय उनका लाइव लोकेशन शेयर करने का निर्देश दिया जाता। उन्हें हाउस अरेस्ट करके रखा गया। यहां तक कि सूरत में वह अपने भतीजे की शादी में गई थीं, यहां भी उन्हें लगातार कॉल के जरिए ट्रेस किया गया।
तीन महीनों में ट्रांसफर करवाई रकमतीन महीनों में महिला डॉक्टर ने अपने अकाउंट से सारी रकम ट्रांसफर कर दी। बैंक अकाउंट खाली होने के बाद महिला डॉक्टर को उनकी फिक्स्ड डिपॉजिट तोड़ने को मजबूर किया गया। उनका घर और सोना बिकवाकर रुपये ले लिए गए। उन्हें लोन लेने और शेयर बेचने के लिए मजबूर किया गया। साइबर क्रिमिनल्स के गिरोह ने 35 अलग-अलग बैंक अकाउंट्स में रुपये ट्रांसफर करवाए गए और निकाल लिए गए।
कंबोडिया से हुई ठगी!पुलिस ने एक खाता धारक को गिरफ्तार किया है। वह सूरत के लालजी जयंतिभाई बलदानिया का था। पुलिस ने बताया कि इस ऑपरेशन के पीछे कंबोडिया के साइबर क्राइम सिंडिकेट हैं। वे भारतीयों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। यहां 5000 से अधिक कॉल सेंटर हैं।
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