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फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी 5 साल की सजा काटने पेरिस जेल पहुंचे, तन्हाई बैरक में रहेंगे, जानें पूरा मामला

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पेरिस: फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी लीबिया से प्राप्त धन से अपने 2007 के चुनाव अभियान के वित्तपोषण के आपराधिक षड्यंत्र के जुर्म में पांच वर्ष की सजा काटने के लिए मंगलवार को पेरिस की जेल में पहुंच गए। वह आधुनिक फ्रांस के पहले पूर्व राष्ट्रपति हैं, जिन्हें जेल भेजा गया है। सरकोजी अपनी पत्नी कार्ला ब्रूनी सरकोजी का हाथ थामे हुए घर से निकले और ला सांते जेल पहुंचने के लिए कार में सवार हुए।

जेल जाते समय सोशल मीडिया पर जारी एक बयान में सरकोजी ने कहा कि एक निर्दोष व्यक्ति को जेल में डाला जा रहा है। पिछले महीने उन्हें इस आरोप में दोषी ठहराया गया था कि उन्होंने लीबिया से अवैध धन लेकर 2007 के राष्ट्रपति चुनाव अभियान को वित्तपोषित करने की साजिश रची। सरकोजी ने सजा और अपील लंबित रहने के दौरान जेल भेजे जाने के न्यायाधीश के निर्णय को चुनौती दी है।

समर्थकों से मिलकर गए जेलराष्ट्रपति आवास एलिसी पैलेस से लेकर कुख्यात ला सांते जेल तक के अब तक के उनके सफर ने पूरे फ्रांस को झकझोर दिया है। जेल में दाखिल होने से कुछ मिनट पहले सारकोजी और उनकी पत्नी अपने बच्चों और नाती-पोतों से मिलने अपने घर के बाहर निकले। उन्होंने पेरिस के उच्च-वर्गीय इलाके में एकत्र समर्थकों की भीड़ की ओर हाथ हिलाया और फिर कार में बैठ गए।

सरकोजी के जेल जाते समय सैकड़ों समर्थकों ने उनके समर्थन में नारे लगाए। सरकोजी के बेटे और बेटी जीन, पियरे, लुई और जूलिया तथा उनके नाती-पोते सभी वहां मौजूद थे। पेरिस निवासी मिशेल पेरी (67) ने कहा कि वह समर्थन जताने आई हैं क्योंकि इसे लेकर आक्रोश है तथा यह अन्याय है। विवादों से घिरे राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने पिछले सप्ताह एलिसी पैलेस में सारकोजी की मेजबानी की थी।

तन्हाई बैरक में रहेंगेमैक्रों ने कहा है कि मैंने हमेशा न्यायपालिका की स्वतंत्रता के बारे में स्पष्ट रुख अपनाया हैलेकिन मानवीय दृष्टिकोण से इस परिस्थिति में अपने पूर्ववर्ती से मिलना उचित था। सरकोजी के वकीलों ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति को सुरक्षा कारणों से एकांत कारावास (तन्हाई बैरक) में रखा जाएगा, जहां वह अन्य कैदियों से अलग रहेंगे।

सरकोजी के वकील क्रिस्टोफ इंग्रैन ने बीएफएम टीवी से कहा कि जेल में डाले जाने से ‘उनका संकल्प और अपनी बेगुनाही साबित करने का जुनून और मजबूत हुआ है। सारकोजी जेल में अपने अनुभव को लेकर एक किताब लिखने की भी योजना बना रहे हैं। सरकोजी ने ला ट्रिब्यून डिमांशअखबार से कहा कि मुझे जेल से डर नहीं है। मैं सिर ऊंचा रखूंगा और आखिरी दम तक लडूंगा।’

अदालत का आदेशपेरिस की अदालत ने आदेश दिया है कि सारकोजी अपनी अपील सुने जाने की प्रतीक्षा किए बिना जेल की सजा शुरू करें क्योंकि अपराध से सार्वजनिक व्यवस्था में गंभीर व्यवधानउत्पन्न हुआ था। अदालत के आदेश के अनुसार, 70 वर्षीय सारकोजी जेल में दाखिल होने के बाद ही अपनी रिहाई के लिए अपीलीय अदालत में आवेदन कर सकते हैं और न्यायाधीशों के पास उस पर निर्णय लेने के लिए दो महीने का समय होगा। उनके वकीलों ने कहा कि रिहाई का यह अनुरोध बहुत जल्द दायर किया जाएगा।
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