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फैक्ट चेक: क्या वाकई दो हजार रुपये के यूपीआई ट्रांजेक्शन पर लगेगा जीएसटी? जानिए सरकार का स्पष्टीकरण

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GST On UPI: पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि सरकार अब UPI में 2,000 रुपये से अधिक के लेनदेन पर जीएसटी लगाएगी। हालाँकि, सरकार ने अब इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण दिया है कि ऐसे दावे निराधार और भ्रामक हैं। वित्त मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा है, ‘ऐसे दावे कि सरकार 2,000 रुपये से अधिक के यूपीआई लेनदेन पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने पर विचार कर रही है, पूरी तरह से झूठे, भ्रामक और निराधार हैं। फिलहाल सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।

वित्त मंत्रालय ने आगे बताया कि ‘जीएसटी कुछ उपकरणों के माध्यम से किए गए भुगतान से संबंधित मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) जैसे शुल्कों पर लगाया जाता है।’

यूपीआई पर जीएसटी

वित्त मंत्रालय ने कहा, ‘फिलहाल यूपीआई लेनदेन पर कोई एमडीआर नहीं लगाया जाता है। इसलिए, इस लेनदेन पर कोई जीएसटी लागू नहीं है। सरकार यूपीआई के माध्यम से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

वित्त मंत्रालय ने इन रिपोर्टों का खंडन किया।

वित्त मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी का उपयोग करके किए गए भुगतान पर प्रासंगिक मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) के समान शुल्क लगाया जाता है। जनवरी 2020 से प्रभावी, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 30 दिसंबर, 2019 के राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से व्यक्ति से व्यापारी (पी 2 एम) यूपीआई लेनदेन पर एमडीआर को हटा दिया है।

 

चूंकि वर्तमान में यूपीआई लेनदेन पर कोई एमडीआर नहीं लगाया जाता है, इसलिए कोई जीएसटी लागू नहीं है। सरकार यूपीआई के माध्यम से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। यूपीआई के विकास को समर्थन और बनाए रखने के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 से सरकार द्वारा संचालित प्रोत्साहन योजना चालू है।

वित्त मंत्रालय ने कहा कि यह योजना कम लागत वाले यूपीआई (पी2एम) लेनदेन को लक्षित करती है, जिससे लेनदेन लागत कम होने से छोटे व्यापारियों को लाभ होगा और डिजिटल भुगतान में व्यापक भागीदारी और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।

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