News India Live, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की धरती से कांग्रेस पर अब तक का सबसे तीखा हमला बोलने के लिए उन्हीं के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के एक बहुचर्चित बयान का इस्तेमाल किया। समस्तीपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह एनडीए की सरकार है जो सुनिश्चित करती है कि गरीबों के लिए भेजा गया 100 का 100 पैसा सीधा उनके खाते में पहुंचे, जबकि कांग्रेस खुद मानती थी कि उसके राज में 1 रुपये में से सिर्फ 15 पैसे ही जनता तक पहुंच पाते थे।राजीव गांधी का वो बयान, जो आज भी कांग्रेस को चुभता हैपीएम मोदी ने जनता को याद दिलाते हुए कहा, "कांग्रेस के ही एक प्रधानमंत्री थे जिन्होंने लाचारी से यह बात मानी थी कि जब उनकी सरकार दिल्ली से 1 रुपया भेजती है, तो गरीब तक सिर्फ 15 पैसे पहुंचते हैं। अब देश को यह सोचना है कि बाकी के 85 पैसे कौन सा 'पंजा' खा जाता था?"यह बयान देकर प्रधानमंत्री ने सीधे तौर पर कांग्रेस के शासनकाल में हुए भ्रष्टाचार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उस समय गरीबों का हक रास्ते में ही लूट लिया जाता था और कोई पूछने वाला नहीं था।"यह मोदी है, 100 का 100 पैसा खाते में भेजता है"अपनी सरकार के काम करने के तरीके को बिल्कुल अलग बताते हुए पीएम मोदी ने कहा, "यह मोदी की गारंटी है कि अगर दिल्ली से 1 रुपया चलेगा, तो 100 का 100 पैसा गरीब के बैंक खाते में पहुंचेगा। हमने जन-धन खाते खुलवाए, आधार को मोबाइल से जोड़ा और बिचौलियों की पूरी फौज को खत्म कर दिया।"उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार की नीयत साफ है। हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी कटौती या भ्रष्टाचार के सीधे असली हकदार तक पहुंचे। इसीलिए आज देश में एनडीए सरकार जरूरी है, ताकि गरीबों का पैसा कोई और न लूट सके।जनता के सामने रखा सीधा सवालप्रधानमंत्री ने लोगों के सामने एक सीधा सवाल रखते हुए कहा, "आपको कौन सी सरकार चाहिए? 1 रुपये में से 15 पैसे देने वाली या 1 रुपये में से पूरे 100 पैसे देने वाली?" उन्होंने कहा कि यह चुनाव सिर्फ सांसद या प्रधानमंत्री चुनने का नहीं है, बल्कि यह फैसला करने का है कि देश में गरीबों का हक लूटने वाली व्यवस्था चलेगी या गरीबों को उनका पूरा हक देने वाली।पीएम मोदी का यह हमला कांग्रेस की उस दुखती रग पर था, जिसका जवाब देना पार्टी के लिए हमेशा मुश्किल रहा है। उन्होंने खुद को गरीबों के हक का रखवाला बताते हुए विपक्ष को भ्रष्टाचार के कटघरे में खड़ा कर दिया है।
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