नई दिल्ली। आतंकवाद को समर्थन देने वाले पाकिस्तान को बेनकाब करने और ऑपरेशन सिंदूर के बारे सही जानकारी देने के लिए के लिए मोदी सरकार ने सर्वदलीय सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल को विभिन्न देशों में भेजने का फैसला किया है। इस प्रतिनिधिमंडल में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के सांसद और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान का भी नाम है, मगर अब ऐसी खबर है कि पठान इस दल का हिस्सा नहीं होंगे। तृणमूल कांग्रेस ने अपने सांसद को सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ नहीं भेजने की बात कही है। टीएमसी ने अपने किसी भी सांसद को भेजने से इनकार कर दिया है।
टीएमसी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने अपनी पार्टी के किसी सांसद को सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में ना भेजने की वजह भी बताई। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीति का काम केंद्र सरकार का है इसलिए यह काम केंद्र को ही करने देना चाहिए। इससे पहले मीडिया रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया था कि टीएमसी ने यूसुफ पठान को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि वो सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ विभिन्न देशों में नहीं जाएंगे। कुछ मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि केंद्र सरकार ने यूसुफ पठान का नाम खुद से ही सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल कर लिया और यह बात ममता बनर्जी को अच्छी नहीं लगी। यही कारण है कि उन्होंने अपने किसी भी सांसद को प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनाने से मना कर दिया।
इससे पहले शशि थरूर को लेकर भी कांग्रेस और सरकार के बीच मनमुटाव है। दरअसल सरकार ने शशि थरूर को इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सौंपा है जबकि कांग्रेस का कहना है कि सरकार की तरफ से हमसे सांसदों के नाम मांगे गए थे। कांग्रेस पार्टी ने जिन चार सांसदों के नाम सरकार को दिए थे उनमें शशि थरूर का नाम था ही नहीं। उधर केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू का कहना है कि सरकार ने कांग्रेस से नाम मांगे ही नहीं थे।
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