न्यूयॉर्क। भारत ने इजरायल और फिलिस्तीन के दो राष्ट्रों के सिद्धांत पर संयुक्त राष्ट्र में लाए गए प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया है। संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस की तरफ से प्रस्ताव लाया गया था। इस प्रस्ताव को 142 देशों के वोट से पारित किया गया। फ्रांस की तरफ से दो राष्ट्रों के सिद्धांत पर लाए गए प्रस्ताव के विरोध में अमेरिका और इजरायल समेत 10 देशों ने वोट दिया। जबकि, 12 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। प्रस्ताव में कहा गया है कि गाजा में जल्द से जल्द युद्ध खत्म हो। साथ ही प्रस्ताव में इजरायल और फिलिस्तीन को दो अलग-अलग देशों के तौर पर मान्यता देने की बात कही गई है।
फ्रांस की ओर से लाए गए प्रस्ताव में कहा गया कि इजरायल और फिलिस्तीन के लोगों के बेहतर भविष्य पर ध्यान रखते हुए संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश सामूहिक कार्रवाई करें। मसले के न्यायसंगत, शांतिपूर्ण और स्थायी समाधान की बात भी प्रस्ताव में है। प्रस्ताव में इजरायल की सरकार से अपेक्षा की गई है कि वो जल्दी एक आधिकारिक फिलिस्तीनी राष्ट्र की स्थापना और दो राष्ट्रों के सिद्धांत के बारे में अपनी प्रतिबद्धता जाहिर करे। फ्रांस, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया पहले ही कह चुके हैं कि वे सितंबर में ही अलग फिलिस्तीनी देश को मान्यता देंगे। इससे इन सभी देशों की इजरायल और अमेरिका से ठन सकती है।
भारत की ओर से अलग फिलिस्तीन राष्ट्र के पक्ष में वोट दिए जाने से उसका पुराना रुख ही मजबूत हुआ है। भारत ने हमेशा कहा है कि इजरायल के अलावा फिलिस्तीन अलग देश बनना चाहिए। भारत की ओर से प्रस्ताव के पक्ष में वोट देने से देश में विपक्षी दलों के उस आरोप को भी जवाब मिला है कि मोदी सरकार इजरायल से करीबी के कारण फिलिस्तीनियों के हित के खिलाफ जा रही है। बता दें कि इस प्रस्ताव के पास होने से पहले इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतनयाहू किसी फिलिस्तीनी राष्ट्र के खिलाफ बयान दे चुके हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कह चुके हैं कि इजरायल के साथ उनका देश खड़ा रहने वाला है। ऐसे में प्रस्ताव पास होने के बावजूद फिलहाल फिलिस्तीन राष्ट्र बनता नहीं दिख रहा।
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