भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के अपने पूर्व दावे से पलटा खा लिया है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि उन्होंने दोनों देशों के बीच किसी भी प्रकार की मध्यस्थता नहीं की, बल्कि केवल सहायता प्रदान की है। पहले जहां वे बार-बार मध्यस्थता की बात कर रहे थे, अब उन्होंने कहा कि उन्होंने केवल बातचीत कराई और इसके बाद स्थिति अपने आप समझ में आ गई। इस बदलाव ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि ट्रंप ने ऐसा क्यों कहा।
पहले का दावा और वर्तमान स्थिति
ट्रंप ने 10 मई को कहा था कि उनकी मध्यस्थता के कारण भारत और पाकिस्तान ने तुरंत युद्ध विराम पर सहमति जताई है। उन्होंने इसे अमेरिका की एक बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि बताया और दोनों देशों को समझदारी दिखाने के लिए बधाई दी थी। लेकिन 15 मई को उन्होंने एक नए बयान में यह कहकर सबको चौंका दिया कि उन्होंने कोई युद्ध विराम नहीं करवाया, बल्कि केवल मदद की। इस बदलाव ने उनके पहले के दावे पर सवाल उठाए हैं।
ट्रंप के पीछे हटने का कारण
ट्रंप के इस बयान से पीछे हटने का कारण भारत का सख्त रुख माना जा रहा है। कतर में दिए गए अपने हालिया बयान में उन्होंने कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान दोनों से बात की, व्यापार को प्राथमिकता देने की सलाह दी और इस प्रयास से तनाव को कम करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि स्थिति बहुत खराब दिशा में जा रही थी, लेकिन उन्होंने इसे सुलझाने का प्रयास किया और अब स्थिति बेहतर है। ट्रंप ने यह भी कहा कि पाकिस्तान और भारत दोनों खुश हैं और सही दिशा में बढ़ रहे हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उन्हें यकीन नहीं है कि मामला पूरी तरह से समाप्त हो गया है।
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