इंटरनेट डेस्क। हिंदू घरों में पूजा घर का विशेष स्थान होता है। यह केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि घर की सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि पूजा घर को सही दिशा, स्थान और नियमों के अनुसार बनाया जाए, तो घर में शांति, समृद्धि और सुख-शुभता का वास होता है। इसलिए पूजा घर बनवाते समय कुछ आवश्यक बातों का ध्यान रखना अत्यंत जरूरी है।
पूजा घर की शुभ दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में पूजा घर के लिए सबसे उत्तम दिशा उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) होती है। यह दिशा भगवान शिव और जल तत्व से संबंधित मानी गई है, जिससे पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यदि यह दिशा उपलब्ध न हो, तो पूर्व दिशा को दूसरा सर्वाेत्तम विकल्प माना जाता है।
मूर्तियों की व्यवस्था
मंदिर में स्थापित मूर्तियां 9 इंच से अधिक ऊंची नहीं होनी चाहिए और उन्हें दीवार से थोड़ा दूर रखें ताकि पीछे की ओर हवा का प्रवाह बना रहे। खंडित या टूटी हुई मूर्तियों को तुरंत मंदिर से हटा देना चाहिए।
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