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लैंड रोवर ने भारत में नई रेंज रोवर के लिए शुरू की बुकिंग, लेकिन नहीं मिल रहे नए ऑर्डर! इसके पीछे है ये बड़ी वजह

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टाटा समूह की कंपनी जगुआर लैंड रोवर की बिक्री में इस समय काफी कमी आई है। फिलहाल कंपनी को करोड़ों रुपये की लग्जरी कारों के लिए कोई नया ऑर्डर नहीं मिल रहा है। टाटा समूह के मुख्यालय 'बॉम्बे हाउस' की बिक्री में गिरावट को लेकर चर्चा हो रही है और जब आप इसके पीछे की वजह जानेंगे तो सोचने पर मजबूर हो जाएंगे। जगुआर लैंड रोवर के साथ-साथ देश में वर्तमान में कई अन्य लक्जरी कारें बिक्री पर हैं। ग्राहक ऐसा करके पैसे बचाने की उम्मीद कर रहे हैं, और उन्हें उम्मीद है कि यह बहुत जल्द ही होने वाला है।

दरअसल भारत ने ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए हैं। उसने ब्रिटेन से आने वाली कारों पर आयात शुल्क कम कर दिया है, जिससे भारत में लक्जरी कारों की कीमत में कमी आने की संभावना है।

लग्जरी कारें आधी कीमत पर मिलेंगी

भारत ब्रिटेन से जगुआर लैंड रोवर और रोल्स रॉयस जैसी लक्जरी कारों का आयात करता है। वर्तमान में ऐसी कारों पर 100-110 प्रतिशत तक कर लगाया जाता है। एफटीए में कारों पर समान कर को 10 प्रतिशत तक लाने का प्रावधान है। इससे कारों की कीमत में सीधे तौर पर 50 प्रतिशत की कमी आने की उम्मीद है।

लक्जरी कारों के ग्राहक एफटीए की शर्तों पर अधिक स्पष्टता की प्रतीक्षा कर रहे हैं। ग्राहक जानना चाहते हैं कि यह समझौता कब लागू होगा और इसका कारों की कीमतों पर क्या असर होगा।

ईटी की खबर के अनुसार, जगुआर लैंड रोवर डीलरों का कहना है कि ग्राहक अपनी खरीदारी में देरी कर रहे हैं। कई लोगों ने डिलीवरी लेने से इनकार कर दिया है, कई लोग पूर्ण एवं अंतिम भुगतान नहीं कर रहे हैं। हर किसी को उम्मीद है कि कीमतें कम होंगी।

हालांकि, यह देखना अभी बाकी है कि क्या कंपनियां लग्जरी कारों की कीमतें कम करती हैं या अच्छा मुनाफा कमाने के लिए अपने मार्जिन में बढ़ोतरी करती हैं।

भारत में जगुआर का कारोबार

जगुआर लैंड रोवर इंडिया के कारोबार पर नजर डालें तो पिछले 17 सालों में कंपनी ने देश में रिकॉर्ड बिक्री की है। वित्त वर्ष 2024-25 में 6,183 कारों की खुदरा बिक्री पिछले साल की तुलना में 40 फीसदी अधिक है। जबकि कंपनी की थोक बिक्री 39 फीसदी की वृद्धि के साथ 6,266 इकाई रही है।

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