भारत चमत्कारों और रहस्यों की धरती मानी जाती है। यहां हर राज्य, हर गांव और हर मंदिर अपने भीतर कोई न कोई कथा, रहस्य या चमत्कार समेटे हुए है। ऐसी ही एक अद्भुत कहानी मध्य प्रदेश के एक मंदिर से जुड़ी है, जहां एक सदियों पुराना घड़ा रखा हुआ है, जिसे लेकर एक ऐसा रहस्य है जो आज तक विज्ञान भी नहीं सुलझा पाया। माना जाता है कि इस घड़े में अब तक लाखों लीटर पानी डाला जा चुका है, लेकिन यह आज तक नहीं भरा। जी हां, न तो पानी बाहर आता है, न ही उसमें कोई निकासी नजर आती है, लेकिन जैसे ही कोई भक्त उसमें पानी डालता है, वह पलक झपकते ही उसमें समा जाता है।
कहां है यह रहस्यमयी मंदिर?यह चमत्कारी घड़ा मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के बांधवगढ़ क्षेत्र में स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर में रखा हुआ है। बांधवगढ़ वैसे तो अपने टाइगर रिजर्व के लिए जाना जाता है, लेकिन धार्मिक दृष्टि से भी यह स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। जंगलों के बीच बसे इस प्राचीन मंदिर में आस्था और रहस्य का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।
क्या है इस घड़े की विशेषता?मंदिर में स्थित यह पत्थर से बना प्राचीन घड़ा अपनी रहस्यमय प्रकृति के कारण भक्तों और पर्यटकों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। इसकी प्रमुख विशेषताएं:
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घड़ा सदियों से वहीं रखा है और आज तक कभी नहीं भरा।
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इसमें चाहे कितनी भी मात्रा में पानी डाला जाए, वह तुरंत अंदर समा जाता है।
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इसके नीचे किसी भी प्रकार की जल निकासी प्रणाली नहीं पाई गई है।
स्थानीय लोगों का मानना है कि यह घड़ा पाताल लोक से जुड़ा हुआ है, और यही कारण है कि इसमें डाला गया पानी जमीन के अंदर समा जाता है।
आस्था का केंद्रयह घड़ा केवल एक रहस्य नहीं, बल्कि लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र भी है। लोग मानते हैं कि इसमें जल चढ़ाने से उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। विशेष रूप से महाशिवरात्रि, सावन और अमावस्या के दिन यहां भारी भीड़ उमड़ती है। भक्त पहले शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं, फिर इस घड़े में जल अर्पित करते हैं।
वैज्ञानिक नजरियाअब तक कई बार वैज्ञानिक टीमों ने इस घड़े की जांच की है, लेकिन किसी भी तकनीकी कारण की पुष्टि नहीं हो सकी है। न ही कोई पाइपलाइन मिली, न कोई रिसाव। इससे यह रहस्य और भी गहरा हो गया है। यह आज भी एक अनसुलझी पहेली बना हुआ है।
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