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सावधान! ग्रहों की चाल से इन राशियों पर आ सकता है बड़ा संकट, जाने किसे रहना होगा सतर्क और बचने के उपाय ?

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हिंदू पंचांग के अनुसार, 22 अगस्त 2025 को भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि सुबह 11:55 बजे तक रहेगी, जिसके बाद अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी। इस दिन अश्लेषा नक्षत्र दिनभर प्रभावी रहेगा और दोपहर 2:35 बजे तक वरियान योग रहेगा। शकुनि करण सुबह 11:55 बजे तक प्रभावी रहेगा, उसके बाद चतुष्पद रात्रि 11:41 बजे तक और इसके बाद नाग करण प्रभावी होगा। ग्रहों की स्थिति की बात करें तो चंद्रमा, शुक्र और बुध कर्क राशि में, बृहस्पति मिथुन राशि में, मंगल कन्या राशि में, सूर्य और केतु सिंह राशि में, राहु कुंभ राशि में और शनि मीन राशि में रहेंगे। ग्रहों और नक्षत्रों की यह स्थिति कुछ राशियों के लिए चुनौतियां लेकर आ सकती है। अश्लेषा नक्षत्र चंद्रमा के स्वामित्व वाला है और संवेदनशीलता, भावनात्मक गहराई और रहस्यमय स्वभाव का प्रतीक है। कर्क राशि में चंद्रमा का स्वराशि में होना भावनात्मक स्थिरता प्रदान करेगा, लेकिन चतुर्दशी और अमावस्या का योग कुछ राशियों के लिए मानसिक तनाव या अनिश्चितता ला सकता है। वरियाण योग सकारात्मक ऊर्जा देता है, लेकिन राहु और शनि की स्थिति कुछ राशियों के लिए बाधाएँ उत्पन्न कर सकती है। आइए जानते हैं कि किन राशियों के लिए यह दिन ठीक नहीं रहेगा और दिन को अच्छा बनाने के लिए क्या उपाय करने चाहिए?

मेष राशि
मंगल के कन्या राशि में होने से मेष राशि वालों को स्वास्थ्य और कार्यक्षेत्र में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आश्लेषा नक्षत्र का प्रभाव आपके मन में अनिश्चितता या चिंता पैदा कर सकता है। परिवार में किसी बात को लेकर तनाव हो सकता है और कार्यस्थल पर सहकर्मियों के साथ मतभेद या गलतफहमी की स्थिति बन सकती है। जोखिम भरे फैसले लेने के लिए यह दिन अनुकूल नहीं है। उपाय: हनुमान चालीसा का 7 बार पाठ करें।

वृश्चिक
वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल के कन्या राशि में और चंद्रमा के कर्क राशि में होने से इस दिन मानसिक तनाव और भावनात्मक अस्थिरता की स्थिति बन सकती है। अमावस्या का प्रभाव आर्थिक फैसलों में सावधानी बरतने का संकेत देता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से पेट या त्वचा संबंधी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। इस दिन बड़े निवेश या लेन-देन से बचना चाहिए। उपाय: भगवान शिव को जल और बेलपत्र अर्पित करें।

कुंभ राशि
राहु के कुंभ राशि में और शनि के मीन राशि में होने से कार्यक्षेत्र में अतिरिक्त मेहनत और तनाव हो सकता है। चंद्रमा की कर्क राशि में स्थिति आपके लिए भावनात्मक असंतुलन ला सकती है। पारिवारिक जीवन में छोटी-छोटी गलतफहमियाँ परेशानी का कारण बन सकती हैं। इस दिन वाणी पर नियंत्रण रखना विशेष रूप से ज़रूरी है। उपाय: शनि मंदिर में सरसों का तेल दान करें।

मीन राशि
शनि के मीन राशि में होने से इस राशि के जातकों को मानसिक और शारीरिक थकान का अनुभव हो सकता है। आश्लेषा नक्षत्र और अमावस्या का प्रभाव निर्णय लेने में असमंजस की स्थिति पैदा कर सकता है। कार्यक्षेत्र में मेहनत के अनुपात में परिणाम कम मिल सकते हैं और नींद संबंधी समस्याएँ आपको परेशान कर सकती हैं। उपाय: पितृ तर्पण करें या तिल और जल का दान करें।

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