बिहार के जहानाबाद जिले में 100 करोड़ रुपये की लागत से बन रही पटना-गया मुख्य सड़क परियोजना में लापरवाही की एक चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है। सड़क के बीचोबीच दर्जनों पेड़ खड़े हैं, जो यातायात में बाधा तो डाल ही रहे हैं, साथ ही किसी भी वक्त हादसे का कारण बन सकते हैं। इन पेड़ों के अलावा, सड़क पर रात के समय स्ट्रीट लाइट की कमी भी एक गंभीर सुरक्षा मुद्दा बन चुकी है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा और बढ़ जाता है।
यह तस्वीरें और घटनाएं सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं, और अब स्थानीय लोग और यात्री प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं। कई नागरिकों का कहना है कि जब सड़क निर्माण पर इतना बड़ा बजट खर्च किया जा रहा है, तो क्या कारण है कि सड़क पर सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया?
सुरक्षा खतरे मेंसड़क पर पेड़ों की उपस्थिति और अंधेरे के कारण वाहन चालक दृश्यता की कमी महसूस करते हैं, खासकर रात के समय। कई वाहन चालक पेड़ों के बीच से गुजरते समय सड़क की चौड़ाई को कम महसूस करते हैं, और यह दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है। साथ ही, इन पेड़ों की उपस्थिति के कारण सड़क पर रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था भी नहीं हो पाती, जिससे रात के समय दृश्यता पूरी तरह से प्रभावित हो रही है।
प्रशासन की लापरवाही पर उठ रहे सवालस्थानीय नागरिक और यात्री इस स्थिति को लेकर प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि जब सड़क की योजना बनाई जा रही थी, तो पेड़ों को हटाने या उन्हें हटाने का कोई सही उपाय क्यों नहीं किया गया? साथ ही, स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था भी क्यों नहीं की गई?
स्थानीय निवासियों का कहना है, "यह सड़क बनने से पहले हम सभी को उम्मीद थी कि इससे यात्रा सुरक्षित होगी, लेकिन अब यह सड़क दुर्घटनाओं का कारण बन सकती है। पेड़ और अंधेरे की समस्या को तुरंत सुलझाने की जरूरत है।"
प्रशासन की प्रतिक्रियाप्रशासन ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक स्थानीय अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं और जल्द ही सुरक्षा उपायों के लिए कदम उठाने की बात कह रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सड़क की सुरक्षा के मानकों का पालन कराया जाएगा और स्ट्रीट लाइट्स की व्यवस्था भी की जाएगी।
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