मुजफ्फरपुर में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। चुनाव आयोग ने चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए रखने के लिए स्टेटिक स्क्वाड और फ्लाइंग स्क्वाड टीमों को सक्रिय कर दिया है। इन टीमों का मुख्य काम चुनावी खर्च और प्रचार गतिविधियों पर निगरानी रखना है।
चुनावी खर्च की सीमा और निगरानीनिर्वाचन व्यय कोषांग के अनुसार, प्रत्येक प्रत्याशी की खर्च सीमा 40 लाख रुपये निर्धारित की गई है। इसके तहत उम्मीदवारों द्वारा खर्च किए गए पैसों का पूरा लेखा-जोखा रखा जाएगा, चाहे वह प्रचार सामग्री हो, रैलियों और सभाओं का आयोजन हो या अन्य प्रचार गतिविधियाँ। निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि खर्च की सीमा पार करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्टेटिक और फ्लाइंग स्क्वाड की भूमिका-
स्टेटिक स्क्वाड मुख्य रूप से संवेदनशील और उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में तैनात रहेगी।
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फ्लाइंग स्क्वाड समय-समय पर विभिन्न इलाकों का निरीक्षण करेगी और किसी भी तरह के नियम उल्लंघन की स्थिति में तुरंत रिपोर्ट करेगी।
चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों में वीडियोग्राफी और निगरानी कैमरों के माध्यम से प्रचार और खर्च की गतिविधियों को रिकॉर्ड किया जाएगा।
प्रचार सामग्री और सभाओं पर निगरानीप्रत्याशियों द्वारा उपयोग की जाने वाली प्रचार सामग्री, बैनर, पोस्टर और डिजिटल प्रचार की निगरानी की जाएगी। इसके अलावा सभाओं और रोडशो में किए गए खर्च का विवरण भी दर्ज किया जाएगा। अधिकारीयों ने कहा कि किसी भी अनियमितता या नियम उल्लंघन का तुरंत निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी।
निर्वाचन आयोग का उद्देश्यचुनाव आयोग का कहना है कि इस निगरानी का उद्देश्य केवल खर्च पर नियंत्रण रखना नहीं है, बल्कि चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखना भी है। उम्मीदवारों को समान अवसर देने और जनता तक सही सूचना पहुँचाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को चेतावनीचुनाव अधिकारियों ने सभी राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को चेतावनी दी है कि किसी भी तरह की अनियमितता या अत्यधिक खर्च चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता को प्रभावित करेगी। अधिकारियों ने कहा कि नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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