क्या आपने कभी सोचा है कि दुकानदार से सामान खरीदते समय आपके बिल पर जो GST लगाया जाता है, वह वाकई असली है या नकली? ज़्यादातर ग्राहक इसे लेकर भ्रमित रहते हैं और कई दुकानदार इसी भ्रम का फायदा उठाते हैं। हर दुकानदार को आपसे GST वसूलने का अधिकार नहीं होता। कई बार ऐसा होता है कि दुकानदार के पास GST रजिस्ट्रेशन नहीं होता, फिर भी वह बिल पर GST लगाकर पैसे ले लेता है। ज़्यादातर ग्राहकों को इसकी जानकारी नहीं होती और इसीलिए वे आसानी से ठगे जाते हैं। लेकिन यहाँ हम आपको इससे जुड़ी हर ज़रूरी जानकारी देने जा रहे हैं, जिससे आप चंद मिनटों में खुद आसानी से पहचान सकते हैं कि आपसे लिया जा रहा GST सही है या नहीं।
GST क्या है? इसे कब और क्यों लागू किया गया था
GST यानी वस्तु एवं सेवा कर, जिसे 2017 में लागू किया गया था। इससे पहले उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क, वैट और सेवा कर जैसे कई अलग-अलग कर लगते थे। इसके आने से उत्पाद शुल्क, वैट, सेवा कर जैसे कई कर समाप्त हो गए। GST आने के बाद पूरी कर व्यवस्था एक जैसी हो गई। अब किसी भी वस्तु पर पूरे देश में कर की दर एक जैसी है। जीएसटी लागू करने का उद्देश्य कर प्रणाली को सरल बनाना और कर चोरी रोकना था।
कौन दुकानदार जीएसटी वसूल सकता है?
आपको बता दें कि हर दुकानदार आपसे जीएसटी नहीं वसूल सकता। केवल वही दुकानदार जीएसटी वसूल सकता है जो सरकार के पास पंजीकृत है और जिसके पास जीएसटीआईएन यानी वस्तु एवं सेवा कर पहचान संख्या (जीएसटीआईएन) है। यह 15 अंकों का एक विशिष्ट नंबर होता है जो हर मूल जीएसटी बिल पर स्पष्ट रूप से लिखा होता है। अगर आपके बिल पर जीएसटीआईएन नहीं दिखाई देता है, तो दुकानदार आपसे जीएसटी वसूलने का हकदार नहीं है।
छोटे कारोबारियों के लिए जीएसटी पंजीकरण ज़रूरी नहीं
सरकार ने छोटे कारोबारियों को छूट दी है। जिनका टर्नओवर 20 लाख रुपये (पूर्वोत्तर राज्यों में 10 लाख रुपये) से कम है, उनके लिए जीएसटी पंजीकरण अनिवार्य नहीं है। ऐसे दुकानदार आपसे जीएसटी नहीं वसूल सकते। यानी अगर ऐसे दुकानदार जीएसटी वसूलते हैं, तो यह गलत है।
नकली जीएसटी बिल की पहचान कैसे करें?
नकली बिल की पहचान करने का सबसे आसान तरीका जीएसटीआईएन की जाँच करना है। इस नंबर के पहले दो अंक राज्य कोड होते हैं और बाकी अंक दुकानदार का विवरण देते हैं। अगर आपको बिल पर GSTIN की जगह VAT, TIN या CST लिखा हुआ दिखाई दे, तो समझ जाइए कि यह नकली GST है। कई बार दुकानदार VAT या TIN नंबर दिखाकर GST वसूलने लगते हैं। यह पूरी तरह से नकली बिल होता है। असली GST बिल पर हमेशा GSTIN लिखा होता है। आप www.gst.gov.in पर जाकर इस नंबर की तुरंत जाँच कर सकते हैं। अगर विवरण उपलब्ध नहीं है, तो यह नंबर नकली है।
कैसे जाँचें कि GST सही है या नहीं?
अगर आपको शक है कि आपके बिल में गलत टैक्स लगा है, तो आप cbec-gst.gov.in पर जाकर इसकी जाँच कर सकते हैं। यहाँ आपको 'GST Rates' का विकल्प मिलेगा, जहाँ आप किसी भी उत्पाद या सेवा पर लगने वाले सही टैक्स को देख सकते हैं। इसके अलावा, आप www.gst.gov.in वेबसाइट पर GST का 15 अंकों का नंबर डालकर भी जाँच सकते हैं। अगर नंबर असली होगा, तो विवरण दिखाई देगा, अन्यथा समझ जाइए कि नंबर नकली है।
शिकायत कहाँ करें
अगर आपको लगता है कि आपसे ज़्यादा या फ़र्ज़ी GST वसूला गया है, तो आप इसकी आसानी से शिकायत कर सकते हैं। आप helpdesk@gst.gov.in या cbecmitra.heldesk@icegate.gov.in पर ईमेल भेजकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा, GST पोर्टल पर भी शिकायत करने का विकल्प मौजूद है। ऐसे में, अगली बार जब भी आप खरीदारी करें, तो बिल चुकाने से पहले यह ज़रूर देख लें कि बिल में GSTIN नंबर लिखा है या नहीं। इससे आप फ़र्ज़ी GST बिल और टैक्स धोखाधड़ी से आसानी से बच सकते हैं।
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