Next Story
Newszop

स्वदेशी क्वांटम क्षमता मजबूत होगी, डीआरडीओ ने टेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर लॉन्च किया

Send Push

नई दिल्ली, 27 मई (आईएएनएस)। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने मंगलवार को दिल्ली स्थित मेटकाफ हाउस में क्वांटम टेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर का उद्घाटन किया। इस अत्याधुनिक केंद्र का उद्घाटन रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने किया।

इस सेंटर को शुरू करने का उद्देश्य रणनीतिक और रक्षा अनुप्रयोगों के लिए स्वदेशी क्वांटम क्षमताओं को और मजबूत करना है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह केंद्र अत्याधुनिक प्रयोगात्मक सुविधाओं से सुसज्जित है, जो महत्वपूर्ण क्वांटम क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास को गति प्रदान करेगा। इस केंद्र में कई प्रमुख क्षमताओं को शामिल किया गया हैं। यहां वर्टिकल-कैविटी सरफेस-एमिटिंग लेज़र और डिस्ट्रीब्यूटेड फीडबैक लेज़र्स का चरित्रांकन हो सकेगा। सिंगल-फोटॉन स्रोतों के परीक्षण के लिए टेस्ट-बेड है।

माइक्रो फैब्रिकेटेड अल्कली वेपर सेल का विश्लेषण होगा। क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन तकनीकों के विकास और सत्यापन के लिए प्रयोगात्मक प्लेटफॉर्म भी उपलब्ध हैं। ये प्लेटफॉर्म पोस्ट-क्वांटम युग में अत्यंत सुरक्षित संचार सुनिश्चित करने के लिए डीआरडीओ द्वारा संचालित है।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि सॉलिड स्टेट फिजिक्स लेबोरेटरी द्वारा संचालित यह सेंटर, कुछ बुनियादी तकनीकों पर भी कार्य कर रहा है। इनमें कोहीरेंट पॉपुलेशन ट्रैपिंग आधारित अल्ट्रा-स्मॉल एटॉमिक क्लॉक है जो ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम के अभाव में भी अत्यंत सटीक समय निर्धारण सुनिश्चित करता है। सेंसिटिव मैग्नेटिक फील्ड डिटेक्शन के लिए ऑप्टिकली पंप्ड मैग्नेटोमेट्री पर आधारित एटॉमिक मैग्नेटोमीटर है।

यहां नवीनतम सॉलिड-स्टेट क्वांटम डिवाइसेस और सामग्री का विकास सुनिश्चित किया जाएगा। डीआरडीओ का कहना है कि वह भारत की क्वांटम पहलों का नेतृत्व करते हुए क्वांटम सेंसिंग, सुरक्षित संचार और पोस्ट-क्वांटम क्रिप्टोग्राफी जैसे क्षेत्रों में कार्यरत है। राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के एक प्रमुख भागीदार के रूप में डीआरडीओ स्वदेशी नवाचार को बढ़ावा देने और संप्रभु क्वांटम तकनीकों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे भारत की रणनीतिक सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।

इस उद्घाटन समारोह में डीजी (माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस, कम्प्यूटेशनल सिस्टम्स एवं साइबर सिस्टम्स) सुमा वरुघीस ने भी भाग लिया, जिनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व इस अत्याधुनिक सुविधा के विचार को साकार करने में महत्वपूर्ण रहे।

--आईएएनएस

जीसीबी/डीएससी

Loving Newspoint? Download the app now