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नशे में धुत प्राइमरी स्कूल टीचर का छात्राओं के साथ डांस, वीडियो वायरल

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छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से एक चौकाने वाला मामला सामने आया है। वाड्रफनगर ब्लॉक के पशुपतिपुर प्राइमरी स्कूल में एक शिक्षक शराब के नशे में धुत होकर छात्रों के साथ डांस करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसने लोगों में चिंता और नाराजगी दोनों पैदा कर दी है।

वायरल वीडियो में शिक्षक मोबाइल में गाना बजाकर छात्राओं के साथ नाचते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि शिक्षक नशे की हालत में हैं और उनका व्यवहार अनुशासनहीन एवं आपत्तिजनक है। इस घटना को देखकर कई छात्र डर के मारे असहज महसूस कर रहे थे।

स्कूल स्टाफ ने बताया कि शिक्षक की यह हरकत विद्यालय में अनुशासन और शैक्षिक माहौल दोनों को प्रभावित करती है। बच्चों की सुरक्षा और उनकी मानसिक शांति के दृष्टिकोण से यह घटना बेहद गंभीर मानी जा रही है। प्रधानाध्यापक ने कहा कि स्कूल प्रशासन ने तुरंत मामले की जानकारी जिला शिक्षा अधिकारियों को दी है और आवश्यक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि वायरल वीडियो की गंभीरता को देखते हुए शिक्षक के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। अधिकारी ने कहा, "विद्यालयों में बच्चों के साथ इस प्रकार का व्यवहार पूरी तरह से अस्वीकार्य है। दोषी शिक्षक के खिलाफ कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।" उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षक को निलंबित किया जा सकता है और मामले की गहन जांच की जा रही है।

सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल होते ही लोगों ने शिक्षक की हरकत की निंदा की है। लोग कह रहे हैं कि शिक्षक को बच्चों के सामने आदर्श पेश करना चाहिए, न कि अनुशासनहीन और नशे में धुत होकर डांस करना। कई अभिभावकों ने कहा कि इस घटना से बच्चों का मानसिक संतुलन प्रभावित हो सकता है और विद्यालय पर से भरोसा कम हो जाएगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं केवल शिक्षक की व्यक्तिगत गलती नहीं होती, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र की जवाबदेही पर सवाल उठाती हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि न केवल कड़ी कार्रवाई हो, बल्कि शिक्षक को मानसिक स्वास्थ्य और नशा मुक्ति संबंधी सहायता भी दी जानी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो।

यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि सरकारी स्कूलों में अनुशासन और बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है। जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग ने आश्वासन दिया है कि जांच पूरी पारदर्शिता के साथ होगी और बच्चों के लिए सुरक्षित और सकारात्मक शिक्षण वातावरण बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

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