Next Story
Newszop

भारत का एक चमत्कारी मंदिर जो 1444 अद्भुत खंभों पर खड़ा है, यहां जानिए रणकपुर जैन मंदिर की रौचक कहानी

Send Push

भारत सदियों से चमत्कारों, सांस्कृतिक धरोहरों और आश्चर्यजनक स्थापत्य कला का केंद्र रहा है। कहीं एलोरा की रहस्यमयी गुफाएं पर्यटकों को अपनी ओर खींचती हैं तो कहीं खजुराहो के अलौकिक मंदिर स्थापत्य के अद्भुत उदाहरण पेश करते हैं। लेकिन राजस्थान की धरती पर एक ऐसा मंदिर भी है, जो न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि अपनी वास्तुकला से दुनिया भर के लोगों को आश्चर्यचकित कर देता है। हम बात कर रहे हैं राजस्थान के रणकपुर में स्थित विश्वविख्यात जैन मंदिर की, जो न सिर्फ भारत, बल्कि विश्व भर में अपनी कलात्मकता और निर्माणशैली के लिए जाना जाता है।

संगमरमर से तराशा गया अद्भुत सौंदर्य

यह मंदिर पूरी तरह से शुद्ध सफेद संगमरमर से बना हुआ है। इसकी विशेष बात यह है कि यह करीब 1444 स्तंभों पर खड़ा है – और हैरानी की बात यह है कि इन सभी खंभों की नक्काशी एक-दूसरे से अलग है। कोई भी दो खंभे एक जैसे नहीं हैं। इससे भी अनोखी बात यह है कि मंदिर के किसी भी कोने से आप मुख्य मूर्ति के दर्शन कर सकते हैं। यह स्थापत्य का ऐसा करिश्मा है जिसे देख हर कोई दंग रह जाता है।

इतिहास की गहराई से उठती भव्यता

रणकपुर जैन मंदिर का निर्माण 15वीं शताब्दी में मेवाड़ के राजा राणा कुंभा के शासनकाल में हुआ था। उन्हीं के सम्मान में इस स्थान का नाम 'रणकपुर' पड़ा। मंदिर का निर्माण जैन व्यापारी धरनाशाह ने तीर्थंकर आदिनाथ के प्रति श्रद्धा के रूप में करवाया था। इस मंदिर को बनवाने में कई दशक लगे थे, और यह आज भी उतनी ही भव्यता से खड़ा है जितना उस दौर में रहा होगा।

चार दिशाओं से खुलता है मंदिर, चार मूर्तियों से मिलता है दर्शन

मंदिर की योजना भी अत्यंत अद्वितीय है। इसमें चार कलात्मक प्रवेश द्वार हैं जो चारों दिशाओं में खुलते हैं। इसके मुख्य हॉल में भगवान आदिनाथ की चार भव्य मूर्तियाँ स्थित हैं, जो चारों दिशाओं की ओर मुख किए हुए हैं। यह इस बात का प्रतीक है कि सत्य और धर्म की राह सभी दिशाओं में फैली है।

गर्भगृह, गुम्बद और मोक्ष की प्रेरणा

इस विशाल मंदिर परिसर में कुल 76 छोटे-छोटे गर्भगृह, चार बड़े सभा मंडप, और चार पूजाघर भी हैं। ये सब जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति, यानी मोक्ष की प्रेरणा देते हैं – जो जैन दर्शन का मूल उद्देश्य है।

मंदिर ही नहीं, एक जीवंत कला संग्रहालय

रणकपुर का यह मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि वास्तुकला, शिल्पकला और श्रद्धा का अद्वितीय संगम है। इसकी दीवारों, छतों और स्तंभों पर की गई नक्काशी ऐसी है जैसे संगमरमर पर जीवन उकेर दिया गया हो। यदि आप कभी राजस्थान जाएं, तो रणकपुर जैन मंदिर को अपनी यात्रा में जरूर शामिल करें। यह न केवल आस्था का स्थल है, बल्कि भारतीय संस्कृति की उत्कृष्टता का जीवंत प्रमाण भी है – एक ऐसी जगह, जो इतिहास, कला और अध्यात्म का संगम है।

Loving Newspoint? Download the app now