रांची, 13 अगस्त (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने पैतृक गांव नेमरा में रहकर एक साथ पुत्र धर्म और राज्य धर्म का निर्वहन कर रहे हैं। एक ओर वे दिवंगत पिता दिशोम गुरु शिबू सोरेन के श्राद्ध कर्म की स्थानीय परंपराओं और रीति-रिवाजों का निर्वाह कर रहे हैं। दूसरी ओर राज्य के विकास और प्रशासनिक कार्यों के प्रति पूरी तरह सक्रिय हैं। वे लगातार विभिन्न विभागों से प्राप्त फाइलों और प्रस्तावों पर निर्णय ले रहे हैं तथा अधिकारियों से फोन और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि जनहित से जुड़े कार्यों में किसी भी प्रकार की कोताही न हो और योजनाओं का गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन निर्धारित टाईमलाईन से किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक, जनता की समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहते हुए उनके समाधान में पूरी तत्परता बरती जाए।
कुड़मालि भाखी चारि आखड़ा के सदस्यों ने दिशोम गुरु को दी श्रद्धांजलि
कुड़मालि भाखी चारि आखड़ा’ के सदस्यों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने स्मृति शेष- दिशोम गुरु शिबू सोरेन को स्मरण करते हुए प्रार्थना सभा का आयोजन किया। इसमें ‘गुरूजी’ को श्रद्धा व्यक्त करते हुए भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर संगठन के वरिष्ठ सदस्यों ने गुरूजी के जीवन, विचारों और समाज के प्रति उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि गुरूजी ने सदैव शिक्षा, सेवा और एकता का संदेश दिया। उनका मार्गदर्शन और प्रेरणा हमेशा समाज को दिशा देता रहेगा। सभा में उपस्थित लोगों ने गुरूजी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे
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