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युवाओं को तराशेंगे इंफोसिस,नैसकॉम व वाधवानी ग्रुप, बनाएंगे दक्ष

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-मानविकी विषय के छात्रों के लिये डाटा साइंस कोर्स अनिवार्य

देहरादून, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । राजकीय महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई),इमर्जिंग टेक्नोलॉजी,डाटा साइंस और उद्यमिता जैसे भविष्योन्मुखी विषयों में दक्ष बनाया जाएगा। इसके लिये उच्च शिक्षा विभाग ने इंफोसिस, नैसकॉम व वाधवानी ग्रुप जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ एमओयू किया है। छात्र-छात्राओं को इन संस्थानों के पाठ्यक्रमों के चयन का विकल्प दिया गया है और वह अपनी रेगुलर पढ़ाई के साथ इन कोर्स को कर सकेंगे।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने कहा कि युवाओं को कौशल युक्त शिक्षा देना राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। छात्र-छात्राओं के करियर की दिशा तय करने वाले विशेष पाठ्यक्रमों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इमर्जिंग टेक, डाटा साइंस व एण्टरप्रेन्यूरशिप एण्ड न्यू वेन्चर क्रिएशन के लिये देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक व तकनीकी संस्थानों के साथ अनुबंध किया गया है। उम्मीद है कि प्रदेश का युवा इसका लाभ उठाकर अपने सपनों का साकार करेगा।

निदेशक उच्च शिक्षा प्रो.कमल किशोर पाण्डे के मुताबिक प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में एन.सी.आर.एफ (नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क) की गाइडलाइन के अनुरूप पाठ्यक्रमों में डिजिटल कौशल व उद्यमिता जैसे विषयों को इसी शैक्षणिक सत्र से प्रभावी रूप से लागू किया गया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व इमर्जिंग टेक सहित जीवन कौशल जैसे पाठ्यक्रम छात्रों को आसानी से सुलभ हो इसके लिये सेतु आयोग के सहयोग से इंफोसिस, नैसकॉम व वाधवानी ग्रुप के साथ त्रिपक्षीय एमओयू साइन किया गया है।

उन्होंने बताया कि छात्र-छात्राओं के पास इंफोसिस, नैसकॉम व वाधवानी ग्रुप के पाठ्यक्रमों के चयन का विकल्प रहेगा। जो छात्र संशोधित पाठ्यक्रम से आच्छादित नहीं है उनको भी इन कौशल पाठ्यक्रमों में पढ़ाई करने का अवसर दिया गया है। ताकि वह तकनीकी दक्षता अर्जित कर अपने कौशल को नई ऊंचाईयों तक पहुंचा सके।

प्रो.पाण्डे ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इमर्जिंग टेक व एण्टरप्रेन्यूरशिप एण्ड न्यू वेन्चर क्रिएशन का कोर्स किसी भी स्ट्रीम का छात्र प्रथम वर्ष से ही प्रोग्रेसिव मोड़ में कर सकता है। वाधवानी समूह के जीवन कौशल का कोर्स छात्र अंतिम वर्ष में ले सकते हैं, इस कोर्स को यूजीसी ने भी मान्यता दी है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों व विश्वविद्यालय परिसरों में अध्ययनरत अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राएं भी इन कोर्स को कर सकते हैं। जबकि कला एवं मानविकी संवर्ग के छात्र-छात्राओं को एक सेमेस्टर में डाटा साइंस का कोर्स करना अनिवार्य होगा। इससे छात्र-छात्राएं नियत क्रेडिट के अतिरिक्त भी क्रेडिट प्राप्त कर सकेंगे, जो उनके अंक प्रमाण पत्र में प्रदर्शित किये जायेंगे।

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(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार

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