रांची, 24 जुलाई (Udaipur Kiran) । झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन के संयुक्त महामंत्री संजय सर्राफ ने गुरुवार को कहा कि हरियाली तीज भारतीय संस्कृति का एक ऐसा पर्व है, जो प्रेम, परंपरा, प्रकृति, नारी शक्ति और अध्यात्म का अद्वितीय संगम है। इस वर्ष हरियाली तीज का पर्व 27 जुलाई, रविवार को मनाया जाएगा।
उन्होंने गुरुवार को प्रेस बयान जारी कर कहा कि यह पर्व श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन माता पार्वती ने कठोर तपस्या के बाद भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया था। तभी से यह दिन विवाहित महिलाओं के लिए सौभाग्य और पति प्रेम का प्रतीक माना जाता है।
इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं, सोलह श्रृंगार करती हैं और भगवान शिव-पार्वती की पूजा कर अपने वैवाहिक जीवन की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। कुंवारी लड़कियां भी इस व्रत को करती हैं ताकि उन्हें योग्य वर की प्राप्ति हो।
सावन की हरियाली के बीच यह पर्व प्रकृति की सुंदरता, सांस्कृतिक उल्लास और सामाजिक समरसता को दर्शाता है। महिलाएं झूले झूलती हैं, पारंपरिक गीत गाती हैं और लोकनृत्य के माध्यम से उत्सव मनाती हैं। मारवाड़ी समाज में इसे सावन का सिंधारा भी कहा जाता है।
संजय सर्राफ ने कहा कि यह पर्व नारी सशक्तिकरण का प्रतीक है और समाज को पारिवारिक मूल्यों से जोड़ता है।
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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar
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