औरैया, 01 मई . अजीतमल कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में नदी के किनारे बकरियां चरा रही बहनाें के साथ गया अबाेध बालक खेलते खेलते नदी के पानी में चला गया. गोताखोरों और ग्रामीणों ने उसकी खोजबीन शुरू की किंतु पता न चल सका. गुरुवार को बच्चे का शव ग्रामीणों ने पेड़ की झाड़ में फंसा पाया.
कोतवाली क्षेत्र के रुरुआ गांव निवासी वीर सिंह की तीन पुत्रियाँ दीक्षा, सुरभि, दीप्ती बुधवार की शाम बकरियां चराने गई थीं. उनके साथ उसका डेढ़ वर्षीय पुत्र भी चला गया. गाँव के पास स्थित सेंगुर नदी किनारे बकरियां घास चरने लगी. बच्चे खेल में मस्त हो गए जबकि बालक माधव नदी किनारे पानी के पास पहुँच गया. दीक्षा जब तक उसके पास पहुंचती , माधव नदी के पानी में चला गया. बेबस पुत्रियों ने अपने भाई को नदी के पानी में जाता देख बचाने का प्रयास किया. किंतु बचा नहीं सकी और घर लौट आईं. वीर सिंह की पत्नी मालती ने माधव के बारे में पूछा तो नदी मे बह जाने की बात बताई. स्वजन यह सुन नदी की ओर दौड़ पड़े और पानी में घुसकर माधव की खोजबीन में जुट गए. सूचना पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने गोताखोरों की मदद से खोजबीन शुरू की. किंतु रात तक उसका पता नहीं चल सका. गुरुवार को फिर से रेस्क्यू करने की बात कहकर प्रशासन वापस लौट आया. गुरुवार की तड़के से ही स्वजनों ने ग्रामीणों के साथ उसकी तलाश फिर शुरू कर दी. नदी में एक मोड़ के पास बबूल के पेड़ की पडी झाल में शर्ट उलझी हुई दिखाई पडी. उसी से माधव उलझा हुआ मिल गया. स्वजन उसे सीएचसी अजीतमल ले आये. जहाँ डाक्टर ने देखते ही मृत घोषित कर दिया. फिर भी जिंदगी की आस में स्वजन उसे चिचोली स्थित अस्पताल लेकर चले गए. माधव की मौत पर स्वजनों में कोहराम मच गया. पुलिस ने पोस्टमार्टम की कार्यवाही की.
उपजिलाधिकारी हरिश्चन्द्र ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद दैवीय आपदा अंतर्गत मिलने वाली आर्थिक मदद दिलाये जाने की प्रक्रिया अमल में लाई जायेगी.
कुमार
कुमार
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