जम्मू, 28 जून (Udaipur Kiran) । गिरधारी लाल रैना ने कश्मीर के राजनेताओं, नागरिक समाज के सदस्यों और सामाजिक नेताओं से कहा आपकी चुप्पी बहरा कर देने वाली है और मानवता के खिलाफ अपराध है। एक बयान में पूर्व एमएलसी और भाजपा जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के प्रवक्ता ने महाराष्ट्र की सत्तर वर्षीय विधवा पर्यटक के साथ बलात्कार पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला के अलावा पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की चुप्पी पर अफसोस जताया।
रैना ने कहा आप अपने या अपने काम से संबंधित मुद्दों पर टिप्पणी करने या प्रतिक्रिया देने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। आप पहलगाम में पर्यटन के पुनरुद्धार का श्रेय लेने का दावा करते हैं लेकिन आपके पास उन लोगों के साथ किए गए व्यवहार पर ध्यान देने का समय नहीं है जिन्होंने अपनी छुट्टियों का आनंद लेने के लिए कश्मीर का दौरा करना चुना। जीएल रैना ने उमर अब्दुल्ला से पूछा क्या आप शासन का यही मॉडल अपनाते हैं।
यहां तक कि प्रधान सत्र न्यायाधीश अनंतनाग द्वारा आत्मनिरीक्षण के आह्वान ने भी कश्मीर घाटी के तथाकथित विवेक-रक्षकों की अंतरात्मा को नहीं जगाया है रैना ने खेद व्यक्त किया। प्रधान सत्र न्यायाधीश ने घाटी में नैतिक मूल्यों के पतन पर आत्मनिरीक्षण का आह्वान करते हुए कहा जितनी जल्दी इस समाज के संरक्षक, जागरूक रखवाले, निगरानी करने वाले कुत्ते और परोपकारी इस अवसर पर आगे आएंगे कि समाज के नैतिक मोर्चे पर क्या गलत हो रहा है। कश्मीर को सही अर्थों में पृथ्वी पर स्वर्ग के रूप में बचाने के लिए बेहतर होगा।
(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता
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