सोनीपत, 26 मई . समाज में लैंगिक समानता केवल एक संवैधानिक अधिकार नहीं, बल्कि
सामाजिक संतुलन की आवश्यकता भी है. इसी कड़ी में सोनीपत जिले में प्रशासन द्वारा लिंगानुपात
सुधार के लिए गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं, जिनमें आशा वर्करों की भागीदारी को विशेष
रूप से सराहा गया.
जिले के पिछड़े लिंगानुपात वाले गांवों माजरी, किड़ौली और
आनन्दपुर झरोठ में उपायुक्त डॉ. मनोज कुमार ने लिंगानुपात समीक्षा बैठक के दौरान ग्रामीण
स्तर पर सक्रिय भागीदारी की अपील की. उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान
का उद्देश्य केवल जागरूकता नहीं, बल्कि सामाजिक सोच में परिवर्तन लाना है. बैठक में
सरपंचों, पंचों, चिकित्सा अधिकारियों, एएनएम और आशा वर्करों को निर्देश दिए गए कि प्रत्येक
गर्भवती महिला का पंजीकरण गर्भावस्था के प्रथम आठ सप्ताह में आंगनवाड़ी केंद्र में
कराया जाए. उन्होंने कहा कि आशा वर्कर अवैध लिंग जांच की सूचनाएं प्रशासन तक पहुंचाने
में अहम भूमिका निभा सकती हैं.
डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि गिरता लिंगानुपात समाज के लिए कलंक
है और इसे दूर करने के लिए प्रत्येक नागरिक को सहयोगी बनना होगा. उन्होंने पीसी-पीएनडीटी
अधिनियम को सख्ती से लागू करने की बात कही और बताया कि विशेष पुलिस सेल गठित की जा
रही है, जो फर्जी ग्राहक बनकर लिंग जांच करने वालों का भंडाफोड़ करेगी. इस अवसर पर
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. ज्योत्सना, एनडीपीटी नोडल अधिकारी डॉ. सुमित कौशिक, जिला
परियोजना अधिकारी प्रवीण कुमारी सहित अन्य ग्रामीण पदाधिकारी उपस्थित रहे.
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शर्मा परवाना
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