जयपुर, 16 अक्टूबर (Udaipur Kiran News). नवीन आपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली में भी बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है. इन्हीं बदलावों को लेकर आयोजित की जा रही जेईसीसी पुलिस प्रदर्शनी में ज्ञानवर्धक तकनीकी सत्रों की श्रृंखला जारी है. इन सत्रों में पुलिस अधिकारियों, प्रशिक्षुओं और विशेषज्ञों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फोरेंसिक साक्ष्य और जेल सुधार जैसे विषयों पर गहन चर्चा की. इन सत्रों की मॉनिटरिंग स्वयं एडीजी और आरपीए डायरेक्टर एस. सेंगथिर कर रहे हैं.
पुलिसिंग में एआई की चुनौतियों पर हुआ विचार-विमर्श : कार्यक्रम की शुरुआत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) विषय पर सत्र से हुई. इंडिपेंडेंट रिसर्चर क्षितिज वर्मा ने पुलिसिंग में एआई के बढ़ते उपयोग और उसके प्रभावों पर विस्तार से जानकारी दी. एटीएस एवं एसओजी के एडीजी वी. के. सिंह ने पुलिस कार्यप्रणाली में एआई के व्यावहारिक उपयोग और नए कानूनों के आलोक में आने वाली चुनौतियों पर अपने विचार साझा किए. इस सत्र में आरपीए निदेशक एस. सेंगथिर, आईजी एससीआरबी अजय पाल लांबा, इंटेलिजेंस ट्रेनिंग अकादमी निदेशक प्रदीप मोहन शर्मा और एसओजी डीआईजी परिस देशमुख सहित लगभग 160 पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे.
फोरेंसिक पर विशेषज्ञों का संवाद : इसके बाद नवीन आपराधिक कानूनों और एफएसएल की भूमिका पर पैनल डिस्कशन आयोजित किया गया. इस सत्र में आरपीएस प्रशिक्षु अधिकारियों और नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) के विद्यार्थियों ने भाग लिया. पैनल में एफएसएल जयपुर निदेशक अजय शर्मा, सेवानिवृत्त निदेशक एस. एस. डागा, और एनएफएसयू कैंपस डायरेक्टर राखी अग्रवाल शामिल थे. विशेषज्ञों ने एफएसएल की बदलती भूमिका पर अपने विचार रखे और लगभग 120 प्रतिभागियों के सवालों के जवाब दिए.
जेल सुधारों और नए कानूनी प्रावधानों पर चर्चा: एक अन्य सत्र में बीकानेर रेंज के पुलिस अधिकारियों और जेल विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया. इसमें आईजी जेल जयपुर विक्रम सिंह ने जेल सुधारों और नए कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए किए जा रहे नवाचारों की जानकारी दी. इस सत्र में 190 अधिकारी मौजूद रहे.
नवीन कानूनों के क्रियान्वयन की चुनौतियों पर विमर्श : गुरुवार को उदयपुर रेंज के पुलिस अधिकारियों के लिए आयोजित सत्र में नवीन कानूनों के प्रावधानों, तकनीकी और फोरेंसिक साक्ष्य विषयों पर चर्चा हुई. सहायक निदेशक अभियोजन रमेश चौधरी और पुलिस निरीक्षक धीरज वर्मा ने विधिक पहलुओं पर अपने विचार साझा किए. इस सत्र में 180 अधिकारी, कांस्टेबल से लेकर अतिरिक्त Superintendent of Police स्तर तक, शामिल हुए और क्रियान्वयन से जुड़ी व्यावहारिक चुनौतियों पर चर्चा की.
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