नई दिल्ली, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो गई है। सोमवार को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन को बताया कि उन्हें संविधान के अनुच्छेद 217(1)(बी), 218 और 124(4) के तहत महाभियोग चलाए जाने से संबंधित नोटिस मिला है।
धनखड़ ने बताया कि नोटिस पर राज्यसभा के 50 से ज्यादा सदस्यों ने सिग्नेचर किए हैं। इसके साथ ही संख्या की शर्तें पूरी हो गई हैं। वहीं लोकसभा के 152 सांसदों ने भी इसी पर विषय पर नोटिस दिया है। कुल मिलाकर संसद के दोनों सदनों में कुल 202 सदस्यों का समर्थन मिल गया है। अब इस नोटिस के आधार पर एक समिति गठित की जाएगी, जो जस्टिस वर्मा पर लगे आरोपों की जांच करेगी।
उल्लेखनीय है कि संविधान के अनुच्छेद 124(4) और 217(1)(बी) के तहत, किसी हाईकोर्ट जज को अक्षमता के आधार पर हटाया जा सकता है। इसके लिए संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत से प्रस्ताव पारित होना आवश्यक होता है। घर से नकदी बरामदगी के बाद सुप्रीम कोर्ट समिति ने महाभियोग की अनुशंसा की थी।
संसद की मंजूरी के बाद जस्टिस वर्मा भारत में हटाए गए पहले जज हो सकते हैं।
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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी
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