हिसार, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय एवं हर घर औषधि फाउंडेशन चैरिटेबल ट्रस्ट, हिसार (एचजीएएफसीटी) के बीच गुरुवार काे एक मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टेंडिंग (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। गुजविप्रौवि की ओर से कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई तथा एचजीएएफसीटी की ओर से संस्थापक अध्यक्ष डॉ. प्रदीप अंबेडकर ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। गुजविप्रौवि की ओर से कुलसचिव डॉ. विजय कुमार व डीन इंटरनेशनल अफेयर्स प्रो. नमिता सिंह तथा एचजीएएफसीटी की ओर से सीए रवित, व कोषाध्यक्ष कविता ने गवाह के रूप में हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर गुजविप्रौवि की प्रो. सुमित्रा सिंह और प्रो. अर्चना कपूर भी उपस्थित रही।कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने गुरुवार काे कहा कि यह एमओयू विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, शोधार्थियों व शिक्षकों के लिए लाभकारी होगा। यह एमओयू राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (एनएमपीबी) के दिशा निर्देशों के अनुपालन में, गुजविप्रौवि में औषधीय पौधों के हर्बल गार्डन के विकास के लिए गुजविप्रौवि व एचजीएएफसीटी फाउंडेशन के बीच एक सहयोगात्मक साझेदारी स्थापित करेगा। दोनों संस्थान औषधीय पौधों के संरक्षण, शिक्षा एवं अनुसंधान के लिए एक हर्बल गार्डन विकसित करेंगे। इसका उद्देश्य लुप्तप्राय और स्वदेशी औषधीय पौधों की प्रजातियों का प्रचार-प्रसार करना है। यह शैक्षणिक अनुसंधान, जागरूकता कार्यक्रमों और औषधीय पौधों के सतत उपयोग को बढ़ावा देगा। इस एमओयू के माध्यम से हर्बल उत्पादों के वित्तीय सहयोग और व्यवसायीकरण के लिए एक रूपरेखा स्थापित की जाएगी।संस्थापक अध्यक्ष डॉ. प्रदीप अंबेडकर ने कहा कि एचजीएएफसीटी एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो औषधीय पौधों और पारंपरिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों के संरक्षण और संवर्धन में लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि गुजविप्रौवि के साथ एमओयू एचजीएएफसीटी के लिए गौरव का क्षण है। कुलसचिव डॉ. विजय कुमार ने कहा कि दोनों संस्थान सहयोग और सहभागिता के माध्यम से अपने-अपने संसाधनों के प्रभावी उपयोग को बढ़ावा देंगे और एक-दूसरे को बेहतर अवसर प्रदान करेंगे। दोनों संस्थान कौशल-आधारित प्रशिक्षण, शिक्षा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग देकर अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।डीन इंटरनेशनल अफेयर्स प्रो. नमिता सिंह ने कहा कि दोनों संस्थान लुप्तप्राय औषधीय पौधों के संरक्षण के लिए वैज्ञानिक जानकारी, विधियों और प्रौद्योगिकी, शैक्षणिक प्रकाशनों और रिपोर्टों का आदान-प्रदान करेंगे। दोनों संस्थान संयुक्त रूप से संगोष्ठियां, कार्यशालाएं, व्याख्यान, प्रशिक्षण कार्यक्रम और सम्मेलन आयोजित करेंगे।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
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