– पेसा एक्ट के बेहतर क्रियान्वयन के लिए गुरुवार को होगा त्रि-पक्षीय अनुबंध
भोपाल, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश सरकार जनजातीय वर्ग के उत्थान के लिए लगातार कार्य कर रही है। जनजातीय समुदाय के लिये राज्य सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है। प्रदेश के 88 ट्राइबल ब्लॉक्स में लागू पेसा अधिनियम जनजातीय समुदाय के लिए वरदान साबित हो रहा है। इस अधिनियम के अंतर्गत जनजातीय समुदाय आपसी विवादों का समाधान थानों में शिकायत दर्ज कराए बिना ही चौपालों के माध्यम से कर रहे हैं। पेसा अधिनियम के क्रियान्वयन में मध्य प्रदेश देश में न केवल अग्रणी है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाई है।
पेसा एक्ट के मध्य प्रदेश में बेहतर क्रियान्वयन के लिए त्रि-पक्षीय अनुबंध केन्द्रीय पंचायती राज मंत्रालय के सचिव, मप्र पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और इंदिरा गांधी नेशनल ट्राइबल यूनिवर्सिटी अमरकंटक के बीच होगा। कार्यक्रम मध्य प्रदेश जल एवं भूमि प्रबंध संस्थान वाल्मी भोपाल में गुरुवार, 24 जुलाई को शाम 4 बजे से होगा। कार्यक्रम में भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय सचिव विवेक भारद्वाज, मप्र पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी एवं पंचायत राज संचालनालय के संचालक सह आयुक्त छोटे सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहेंगे।
कार्यक्रम में पेसा एक्ट पर बनी पुस्तिका का विमोचन भी किया जाएगा। इस दौरान देशभर से आए पेसा एक्ट पैनलिस्ट, विशेषज्ञों के बीच चर्चा होगी। प्रदेश में पेसा एक्ट के बेहतर क्रियान्वयन, उपनियमों को लागू करना, जनजातीय समुदाय को प्रशिक्षण देना, जनजातीय समुदाय की परंपराओं की रक्षा, नए शोध, जनजातीय कलाओं को सुरक्षित रखे जाने और जनजातीय समुदाय के बीच हो रहे बेहतर कार्यों का प्रचार-प्रसार पर विचार-विमर्श होगा।
जनसम्पर्क अधिकारी सोनिया परिहार ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि जनजातीय समुदाय ने अब तक लगभग आठ हजार से अधिक विवाद प्रकरणों का चौपाल के माध्यम से निराकरण कर मिसाल पेश की है। इन मामलों में पारिवारिक जमीन संबंधी विवाद शामिल है। मध्य प्रदेश शासन द्वारा लागू किए गए पेसा एक्ट का उद्देश्य भी यही है कि जनजातीय समुदाय के लोगों को छोटे-छोटे विवाद में पुलिस थाना का चक्कर ना लगाना पड़े और आपस में बैठकर ही मामले की सुलह कर लें। साथ ही उनकी परंपरा, कला संस्कृति की भी रक्षा की जा सके।
पेसा अधिनियम के अंतर्गत 3 प्रकार की समितियां कर रहीं हैं काम
उन्होंने बताया कि पेसा अधिनियम के तहत प्रदेश के 88 विकासखंडों में तीन प्रकार की समितियां काम रही है। इसमें शांति और विवाद निवारण समिति, सहयोगिनी मातृ समिति और वन संसाधन योजना एवं नियंत्रण समिति शामिल है। प्रदेश में शांति और विवाद निवारण समिति की संख्या 11 हजार 639 है। वन संसाधन योजना एवं नियंत्रण समिति की संख्या 11 हजार 331 है, जबकि सहयोगिनी मातृ निवारण समिति की संख्या 21 हजार 887 है।
देश के 10 राज्य में हो रहा है पेसा एक्ट का क्रियान्वयन, मध्य प्रदेश है अग्रणी
जनसम्पर्क अधिकारी के अनुसार, देश के 10 राज्यों में पेसा एक्ट का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिसमें मध्य प्रदेश अग्रणी राज्य है। पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सफलता की कहानियों को लेकर एक पुस्तिका भी निकाली गई है जिसमें मध्य प्रदेश की दो कहानियों को शामिल किया गया है। इस वजह से मध्य प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है।
5133 ग्राम पंचायतों में लागू है पेसा अधिनियम
बताया गया है कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जनजातीय बाहुल्य वाले प्रदेश के 20 जिलों के 88 विकासखंड की 5133 ग्राम पंचायतों के 11 हजार 596 ग्रामों में पेसा एक्ट लागू किया गया है। वर्तमान में 4850 पेसा मोबलाइजर कार्य कर रहे हैं। पेसा कानून में सबसे महत्वपूर्ण विषय वित्तीय प्रबंधन है, जिसके तहत राज्य में अब तक 11 हजार 538 खाते खोले गये हैं।
(Udaipur Kiran) तोमर
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