रांची, 6 जुलाई (Udaipur Kiran) । जगन्नाथपुर रथ यात्रा के दौरान रविवार को भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा रथ पर सवार हो मौसीबाड़ी से जगन्नाथपुर मुख्य मंदिर पहुंचे।
इस अवसर पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। बारिश के बावजूद भीड़ कम नही हुई। मौके पर प्रशासन और आयोजन समिति की ओर से सुरक्षा और यातायात प्रबंधन के विशेष इंतजाम किया गया था।
शाम तक रही मेले में चहल पहल
रांची के ऐतिहासिक जगन्नाथपुर मंदिर में घूरती रथ उत्सव पर भक्ति, श्रद्धा और परंपरा का अनुपम संगम देखने को मिला। सुबह मंदिर खुलते ही श्रद्धालु बड़ी संख्या में दर्शन के लिए पहुंचने लगे। मंदिर प्रांगण में मंगल आरती के साथ दिन की शुरुआत हुई। आसपास के क्षेत्रों समेत कई दूसरे राज्यों और से आए श्रद्धालुओं ने मेले का आनंद उठाया।
हर धर्मावलंबियों के लिए भंडारे, जल सेवा और प्रसाद की उत्तम व्यवस्था थी। दोपहर के समय तक मंदिर परिसर में भजन मंडलियों ने भक्ति गीतों की प्रस्तुतियां दीं।
वहीं स्थानीय कलाकारों ने रथ, भगवान के जीवन प्रसंग और देवी लक्ष्मी की प्रतीकात्मक कथा पर आधारित नृत्य-नाटिकाएं प्रस्तुत कीं। नागपुरी, मुंडारी सहित अन्य स्थानीय भाषा में भी गीत संगीत का आयोजन हुआ। जैसे-जैसे शाम ढलती गई मुख्य अनुष्ठान के साथ रथ खींचने ललक दिखी। भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा के रथ को मंदिर द्वार पर सजाया गया था। रथ की परिक्रमा के बाद आरती और दीपदान हुआ। इसमें हजारों भक्तों ने भाग लिया। मंदिर की सजावट, दीपों की रौशनी और भक्ति संगीत से पूरा परिसर भक्ति और आस्था के प्रकाश से जगमग दृश्य देखते बन रही थी।
मेले में बच्चों, परिवारों और श्रद्धालुओं की आवाजाही रात तक बनी रही। सबों ने एक स्वर में भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र स्वामी की जयकारा लगाया। भगवान से जीवन में मंगलकामनाओं की प्रार्थना की।
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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar
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