श्रीनगर 19 जुलाई (Udaipur Kiran) । मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने केंद्र शासित प्रदेश में शिक्षण परिदृश्य और अन्य शिक्षा सुधारों के कार्यान्वयन का जायजा लेने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग की एक व्यापक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
मुख्य सचिव ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में और सुधार लाने पर ज़ोर दिया और विभाग के लगभग 11,000 करोड़ रुपये के पर्याप्त बजट पर प्रकाश डाला जो प्रदान की जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता के अनुरूप होना चाहिए।
अटल डुल्लू ने शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर ज़ोर देते हुए कहा कि जब तक शिक्षक अपनी भूमिका कुशलतापूर्वक नहीं निभाएँगे तब तक कोई भी बुनियादी ढाँचागत या तकनीकी उन्नयन फलदायी नहीं होगा। उन्होंने आगे कहा कि छात्रों को पढ़ाने में शिक्षकों के समर्पण और रचनात्मकता का कोई विकल्प नहीं है।
मुख्य सचिव ने शिक्षकों की समयनिष्ठा और कक्षाओं में बिताए गए समय की निगरानी की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने शिक्षकों की उदासीनता, देरी या निजी मामलों के लिए अनाधिकृत रूप से स्कूल छोड़ने की पहचान करने के लिए आईटी उपकरणों के उपयोग का आह्वान किया। उन्होंने निर्देश दिया कि शिक्षकों के वेतन को उनकी स्कूल उपस्थिति और वैध रूप से ली गई छुट्टियों से जोड़ा जाए। उन्हें बताया गया कि जेके अटेंडेंस ऐप, एक भू-निर्देशांक-आधारित चेहरा पहचान उपस्थिति प्रणाली जो पहले ही लागू की जा चुकी है और जिसके तहत 1.14 लाख कर्मचारी सक्रिय रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।
मुख्य सचिव ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह स्कूलों विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों में कर्मचारियों की उपस्थिति और शिक्षण प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए भौतिक और आभासी दोनों तरह से औचक निरीक्षण करें।
अटल डुल्लू ने आईसीटी लैब, कंप्यूटर-एडेड लर्निंग लैब, स्मार्ट क्लासरूम, अटल टिंकरिंग लैब और अन्य उपलब्ध संसाधनों जैसे आधुनिक बुनियादी ढांचे के उपयोग के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने विभाग की आईटी टीम को प्रत्येक स्कूल में आईटी बुनियादी ढांचे के उपयोग की दैनिक निगरानी के लिए एक डैशबोर्ड विकसित करने का निर्देश दिया। वर्तमान में पूरे केंद्र शासित प्रदेश में 1420 सीएएल केंद्र, 2036 आईसीटी लैब और 4272 स्मार्ट क्लासरूम पूरी तरह से चालू हैं।
व्यावसायिक शिक्षा के संबंध में मुख्य सचिव ने विभाग पर व्यावसायिक शिक्षार्थियों को नियमित सहायता और सहयोग प्रदान करने का आग्रह किया जब तक कि उन्हें नौकरी के बाज़ार में स्थान न मिल जाए। बताया गया कि वर्तमान में स्कूलों में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के 141,000 से अधिक छात्र 15 विभिन्न व्यवसायों में नामांकित हैं।
अटल डुल्लू ने विभाग को ईसीसीई मॉडल अपनाने से पहले सावधानी बरतने और पूरी तैयारी करने का निर्देश दिया और समाज कल्याण विभाग के सहयोग से पूर्व-प्राथमिक शिक्षा को बाल्यावस्था देखभाल के साथ मिलाने के लिए आवश्यक व्यापक आधारभूत कार्य पर ज़ोर दिया। उन्होंने ऐसे विलय की व्यवहार्यता सुनिश्चित करने और प्रवेश चाहने वाले बच्चों को होने वाली कठिनाइयों को रोकने के लिए प्रत्येक क्षेत्र के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करने को कहा।
यह बताया गया कि 15,550 स्कूलों में पूर्व-प्राथमिक कक्षाएं शुरू करने की योजना है और ईसीसीई अनुभागों वाले स्कूलों में 13,804 एएवाईए/सहायक नियुक्त किए गए हैं।
मुख्य सचिव ने विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत विभिन्न कार्यों की प्रगति की समीक्षा की जिसमें कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों, बालिका छात्रावासों की स्थापना, आधुनिक बुनियादी ढाँचा और विशेष रूप से केंद्र शासित प्रदेश के नामित स्कूलों में पीएम श्री योजना शामिल है।
जम्मू-कश्मीर के समग्र शैक्षिक परिदृश्य पर प्रकाश डालते हुए एसईडी के सचिव राम निवास शर्मा ने बताया कि विभाग के मामलों के प्रबंधन के लिए 20 जिलों को 188 शिक्षा क्षेत्रों (जम्मूः 97, कश्मीरः 91) में विभाजित किया गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि पूरे केंद्र शासित प्रदेश में साक्षरता दर (केंद्र शासित प्रदेश, एनएसओ सर्वेक्षण 2017) 77.30 प्रतिषत दर्शाई गई है। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में कुल 24,137 स्कूल हैं (18,724 सरकारी और 5,413 निजी और अन्य) जिनमें प्राथमिक से उच्चतर माध्यमिक स्तर तक कुल 2,617,817 छात्र (सरकारी संस्थानों में 1356838 और निजी संस्थानों में 1260979) नामांकित हैं।
बैठक में यह भी बताया गया कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए विभाग के लिए कुल बजटीय आवंटन 11,356.43 करोड़ रुपये (केंद्र शासित प्रदेश के पूंजीगत व्यय और सीएसएस सहित) है जिसमें कुल स्वीकृत बजट आवंटन 13,492.27 करोड़ रुपये है। उन्होंने यह भी बताया कि एक सरकारी स्कूल में नामांकित प्रत्येक छात्र पर लगभग 1 लाख रुपये प्रति वर्ष खर्च होता है जो राष्ट्रीय औसत से काफी अधिक है।
आगे बताया गया कि जम्मू-कश्मीर में पीएम श्री कार्यक्रम के अंतर्गत 396 स्कूलों का चयन किया गया है।
विद्या समीक्षा केंद्र के बारे में बताया गया कि यह जम्मू में पूरी तरह से बनकर तैयार हो चुका है और चालू हो गया है जिससे डेटा-आधारित निर्णय लेने और बेहतर शैक्षिक परिणाम सुनिश्चित हो रहे हैं। अब तक वहाँ से चार चैट बॉट (स्मार्ट अटेंडेंस जम्मू-कश्मीर, जम्मू-कश्मीर स्टडी बडी, फील्ड मॉनिटरिंग बॉट, जम्मू-कश्मीर पैरेंट पल्स बॉट) शुरू किए जा चुके हैं।
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह
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