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धराली आपदा : 130 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, मुख्यमंत्री बोले- एक-एक व्यक्ति की जान अमूल्य

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– विद्युत एवं संचार व्यवस्था को आज रात में ही बहाल करें

– प्रभावितों का समय-समय पर अपडेट लेते रहें अधिकारी

– सभी शैक्षणिक और अन्य संस्थान बंद करने के निर्देश

– मुआवजा वितरण प्रक्रिया जल्द शुरू करने के भी निर्देश

देहरादून, 05 अगस्त (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद के हर्षिल घाटी के धराली गांव में बादल फटने की घटना में 130 से अधिक लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर संचालित करने के निर्देश देते हुए कहा कि सरकार के लिए एक-एक व्यक्ति की जान अमूल्य है।

मुख्यमंत्री धामी आंध्र प्रदेश दौरे को बीच में ही छोड़कर मंगलवार शाम सीधे देहरादून आईटी पार्क स्थित आपदा परिचालन केंद्र पहुंचे और उत्तरकाशी जनपद के हर्षिल क्षेत्र के धराली गांव में बादल फटने की घटना से प्रभावित क्षेत्र में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी उत्तरकाशी सहित सम्बंधित अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर संचालित करने को कहा।

मुख्यमंत्री ने सेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जिला प्रशासन एवं अन्य संबंधित टीमों को प्रभावी समन्वय के साथ राहत एवं बचाव कार्यों को तत्परता से पूरा करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि संबंधित सभी वरिष्ठ अधिकारी समय-समय पर स्थिति की जानकारी का अपडेट लेते रहें। मुख्यमंत्री ने यूपीसीएल के एमडी से बात कर आज रात को ही बिजली आपूर्ति बहाल करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग तथा जिलाधिकारी को प्रभावित क्षेत्र में आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी शैक्षणिक और अन्य संस्थान बंद करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों से संपर्क बनाए रखने के लिए जल्द से जल्द नेटवर्क व्यवस्था को बहाल करें। साथ ही धराली एवं हर्षिल क्षेत्र में आपदा प्रभावितों के तत्काल रेस्क्यू के बाद होटल, होम-स्टे आदि में रहने, खाने और दवाइयां की व्यवस्था करें।

मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों से कहा कि वे हर्षिल क्षेत्र में बन रही झील को जल्द से जल्द खुलवाने की व्यवस्था करें।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि प्रभावितों को एयरलिफ्ट करवाने और तत्काल भोजन, दवाइयां तथा कपड़े आदि भेजने के लिए वायु सेना के एमआई 17 का सहयोग लें। जो लोग बेघर हो गए हैं उनके रहने के लिए अच्छी वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। यदि होटल आदि अधिग्रहित करना पड़े तो उसको तुरंत कर लिया जाए। आपदा से प्रभावित लोगों को किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े इसका विशेष ध्यान रखा जाए। तत्काल आसपास के क्षेत्र में स्थित होटल व स्कूलों में राहत शिविरों की व्यवस्था की जाए। लोगों के लिए खाने-पीने की समुचित व्यवस्था की जाए। बिस्तर कंबल और कपड़ों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। खाने के पैकेट एयरड्राप किए जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर किसी ने अपना परिवार खोया है तो सरकार उसके साथ खड़ी है। सरकार ऐसे सभी लोगों की संरक्षक है और उनके जीवन यापन का पूरा जिम्मा सरकार का है।

मुख्यमंत्री ने गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे को शासन स्तर से धराली आपदा के लिए नोडल अधिकारी नामित करने की निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पीडब्ल्यूडी/जल संस्थान/ऊर्जा आदि विभाग के अधिकारी वहीं डटे रहें। डॉक्टर्स और दवाई की व्यवस्था की जाए।पोस्टमार्टम आदि की व्यवस्था मौके पर की जाए। मुख्यमंत्री ने मुआवजा वितरण की प्रक्रिया को जल्द से जल्द शुरू करने के भी निर्देश दिए हैं। बुधवार सुबह ही विभिन्न विभागों के सचिवों की टीम भी धराली हर्षिल के लिए रवाना हो जाएगी।

बैठक में प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, डीजीपी दीपम सेठ, सचिव शैलेश बगौली, पंकज पांडे, कमिश्नर गढ़वाल विनय शंकर पांडे, सहित सभी संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

नेताला में अवरुद्ध मार्ग खुलाः नेताला में अवरुद्ध मार्ग को रात्रि करीब आठ बजे खोल दिया गया। मार्ग खुलते ही यहां फंसे जिलाधिकारी उत्तरकाशी और एसपी के साथ अन्य राहत और बचाव दल मौके के लिए रवाना हो गए। खाद्य विभाग और स्वास्थ्य विभाग की एक टीम बनाकर भी घटनास्थल के लिए रवाना की जा रही है।

लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव (पीआरओ रक्षा देहरादून उत्तराखंड) ने बताया कि धराली में हुए विनाशकारी भूस्खलन के बाद 14वीं राजरीफ के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल हर्षवर्धन, 150 कर्मियों के साथ महत्वपूर्ण बचाव और राहत कार्यों में व्यक्तिगत रूप से नेतृत्व कर रहे हैं। संपर्क टूटने, यूनिट के यूनिट बेस पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने 11 कर्मी लापता हुए हैं। जिनमें से 02 सैन्यकर्मी अब सुरक्षित बरामद कर लिए गए हैं। मूसलाधार बारिश और टूटे हुए संपर्क मार्ग में भी विपरीत परिस्थितियों में सेना रेस्क्यू कार्य कर रही है। बचाव कार्यों में अतिरिक्त टुकड़ियां भेजी जा रही हैं।

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(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार

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