दंतेवाड़ा, 29 मई . जिले के एनएमडीसी (राष्ट्रीय खनिज विकास निगम) प्रबंधन ने बरसात के दौरान संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए 11सी लौह अयस्क खदान के नीचे स्थित चैक डेम नंबर 6 को पूरी तरह से खाली कर दिया है. डेम की कुल क्षमता 20 से 22 हज़ार टन की है, डेम को हर वर्ष खाली करना अनिवार्य है, लेकिन वर्ष 2022 में नगर पालिका प्रशासन ने यह कहते हुए आपत्ति जताई थी, कि लोहचूर्ण के मलवे को नगर के बीच से ले जाने से सड़कें खराब हो रही हैं. इसके बाद डी-सिल्टिंग कार्य रोक दिया गया था. इसके कारण विगत तीन वर्षों में इसमें 57 हज़ार टन से अधिक लोहचूर्ण (ब्लू डस्ट) जमा हो गया था.
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष 21 और 27 जुलाई 2024 को हुई भारी बारिश के कारण चैक डेम में जमा लोहचूर्ण रुक नहीं पाया और बहकर नीचे बस्तियों तक पहुंच गया, जिससे भारी तबाही मची. इस वर्ष ऐसी स्थिति पुनः न बने, इसके लिए एनएमडीसी ने डेम से 57 हज़ार टन लोहचूर्ण निकाल कर साइड में बंड बनवा दिया है, जिससे खदान से बहकर आने वाला मलबा वहीं रुक जाए और अतिरिक्त पानी ही आगे निकले. इसके अतिरिक्त 11सी खदान के नीचे दो पहाड़ियों के बीच जहां से लोहचूर्ण बहकर आता था, वहां 6 मीटर ऊंची और 22 मीटर लंबी रिटर्निंग वॉल का निर्माण किया गया है. इसका उद्देश्य ऊपर से आने वाले भारी चट्टानों को रोकना है, ताकि केवल बारिश का पानी ही आगे नालों से बह सके. एनएमडीसी की यह कार्यवाही दिन-रात चल रही है. जिला कलेक्टर कुणाल दुदावत स्वयं पूरे मामले की निगरानी कर रहे हैं. नगर पालिका द्वारा नालों की सफाई करवाई जा रही है, वहीं लोक निर्माण विभाग क्षतिग्रस्त नालों की मरम्मत में जुटा हुआ है.
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/ राकेश पांडे
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