रामगढ़, 10 सितंबर (Udaipur Kiran) । पीडीएस डीलर लाखों रुपये का अनाज खा गया। सबसे बड़ी बात यह है कि लाखों रुपये का गबन करने के बाद भी वह आपूर्ति विभाग को लगातार चकमा दे रहा है। जब मामले की जांच करने अधिकारी पहुंचे तो वह बिना किसी को सूचना दिए वह दुकान बंद कर फरार हो गया। जिला आपूर्ति पदाधिकारी रंजीता टोप्पो ने बताया कि कई लोगों से यह शिकायत मिली थी कि संतोष पासवान खाद्यान्न का वितरण नहीं कर रहा है। इस शिकायत के आधार पर आहार पोर्टल वितरण देखा गया, तो बेहद असंतोषजनक पाया गया। डीलर ने आठ लाख 17 हजार रुपये का अनाज गबन कर लिया, जिसकी वसूली नीलाम पात्रवाद दायर कर की जाएगी।
आवंटित खाद्यान्न की जांच करने पहुंचे बीएसओ
डीएसओ रंजीता टोपो ने बताया कि आहार पोर्टल पर आवंटन और वितरण मिलान करने पर एनएफएसए योजना के तहत माह-जूलाई 2024 से दिसम्बर 2024 तक कुल- 163.07 क्विंटल चावल, 48.95 क्विटल गेहूं, ग्रीन चावल लगभग – सात क्विंटल और चना दाल 12.44 क्विंटल अवशेष भंडार का भौतिक सत्यापन करने के लिए चार जनवरी 2025 को प्रभारी प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गई। अधिकारी जब जांच करने पहुंचे तो पता चला कि बिना सूचना या सक्षम प्राधिकार के दुकान को बंद रखा गया।
रद्द किया गया लाइसेंस
डीएसओ ने बताया कि इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए संतोष पासवान का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। इसके अलावा खाद्यान्न का सत्यापन करने के लिए उन्हें नोटिस भी दिया गया। नोटिस के बाद पीडीएस डीलर संतोष पासवान ने 4050 क्वींटल चावल, 27.50 क्विंटल गेहूं और 620 क्विंटल चना दाल का सत्यापन कराया गया। साथ ही एफिडेविट देखकर यह कहा गया कि जून 2025 तक शेष खाद्यान्न विभाग को उपलब्ध करा दिया जाएगा।
खत्म हो गया समय तो विभाग को नहीं मिला अनाज
संतोष पासवान ने जो समय विभाग से मांगा था वह खत्म हो गया। 22 जुलाई 2025 को अधिकारी उसकी दुकान का भौतिक सत्यापन करने पहुंचे तो वहां पूर्व में पाए गए खाद्यान्न और शेष बचे खाद्यान्न दोनों ही गायब थे। विभाग ने एक बार फिर संतोष पासवान को नोटिस देकर पूरा खाद्यान्न उपलब्ध कराने को कहा। साथ ही 24 घंटे के अंदर अपना पक्ष रखने को भी कहा। लेकिन ना तो संतोष पासवान ने अपनी बात रखी, ना ही खाद्यान्न उपलब्ध कराया।
आठ लाख रुपए का खाद्यान्न डीलर ने किया गायब
डीएसओ ने बताया कि जुलाई 2024 से दिसंबर 2024 तक अवशेष चावल, गेहूं, ग्रीन चावल, चना दाल की कटौती हर माह में की जानी थी। लेकिन संतोष पासवान के गोदाम से प्राप्त खाद्यान्न का वितरण शत प्रदर्शित नहीं होने के कारण समस्या बढ़ती गई। जांच के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि 184.32 क्विंटल चावल और 54.14 क्विंटल गेहूं का लाभुकों के बीच वितरण नहीं कर सरकारी खाद्यान्न का गबन किया गया है। इसकी कुल कीमत आठ लाख 17 हजार रुपए निर्धारित की गई है।
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(Udaipur Kiran) / अमितेश प्रकाश
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