शिमला, 06 मई . प्रदेश में ढांचागत विकास को बेहतर और मजबूत बनाने के लिए राज्य सरकार लगातार योजनओं पर काम कर रही है. इसके तहत प्रदेश में सड़कों और पुलों के निर्माण को सुदृढ़ करने के लिए वह पुरजोर प्रयास करने के साथ केंद्र से सहयोग का आग्रह किया है.इसी क्रम में राज्य सरकार को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई)-III के तहत ग्रामीण संपर्क को मजबूत करने की दिशा में बड़ी सफलता मिली है. इसके लिए केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश को 3,345.81 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है.
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंगलवार को बताया कि योजना के तीसरे चरण में केंद्र सरकार से राज्य को 3,345.81 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है. इसके अंतर्गत 3,123 किलोमीटर लंबी सड़कों और 43 पुलों का निर्माण किया जाएगा. उन्होंने बताया कि विभाग इन कार्यों को तीव्र गति से पूरा करने की दिशा में लगातार प्रयासरत है. अब तक 517.334 किलोमीटर सड़क निर्माण का कार्य पूरा किया जा चुका है, जिस पर 802.59 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. यह प्रगति विभाग की समयबद्ध कार्यशैली और ग्रामीण क्षेत्रों के संपर्क सुधारने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.
लोक निर्माण मंत्री सिंह ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में योजना के तहत राज्य ने 650 करोड़ रुपये के बजट अनुमोदन के मुकाबले 905 करोड़ रुपये की राशि खर्च की है, जो वित्तीय दक्षता का स्पष्ट प्रमाण है. इस प्रदर्शन को देखते हुए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से आगामी वित्त वर्ष 2025-26 के लिए आवंटन को दोगुना कर 1,300 करोड़ रुपये करने का आग्रह किया है.
उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग पहले से ही प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-IV पर सक्रियता से काम कर रहा है. इस चरण के तहत 1,560 बसावटों का मानचित्रण पूरा किया जा चुका है और इनमें से 1,115 को ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा पात्र पाया गया है. इनमें से अब तक 862 बसावटों को मंजूरी मिल चुकी है, जिनमें 102 बसावटें स्टेज-I के तहत शामिल हैं.
उन्होंने बताया कि 30 अप्रैल को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री के साथ हुई बैठक के बाद राष्ट्रीय ग्रामीण आधारभूत ढांचा विकास एजेंसी की उच्चस्तरीय टीम 2 और 3 मई को शिमला पहुंची थी. टीम ने लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की और पहले खारिज की गई 247 बसावटों की पुन: जांच कर उन्हें केस-दर-केस आधार पर मंजूरी देने का आश्वासन दिया.
मंत्री ने बताया कि इन 247 बसावटों में से 151 के लिए भूमि उपलब्ध होने की सूचना राज्य ने केंद्र को भेज दी है और इन पर शीघ्र मंजूरी की मांग की है. उन्होंने बताया कि स्वीकृति मिलते ही राज्य लगभग 250 विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर सकेगा, जिसके तहत 1,400 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण प्रस्तावित है. यह समूचा कार्य फास्ट ट्रैक मोड में किया जा रहा है ताकि समय पर क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके.
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/ उज्जवल शर्मा
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