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प्रधानमंत्री और आरएसएस पर कार्टून विवाद मामले में आरोपित हेमंत मालवीय को दस दिन में माफीनामा देने का आदेश

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नई दिल्ली, 19 अगस्त (Udaipur Kiran) । उच्चतम न्यायालय ने कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और आरएसएस कार्यकर्ताओं के बारे में आपत्तिजनक कार्टून सोशल मीडिया पर अपलोड करने के मामले में गिरफ्तारी से मिली सुरक्षा अगले आदेश तक बढ़ा दिया है। जस्टिस अरविंद कुमार की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया।

सुनवाई के दौरान मालवीय के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता अपना माफीनामा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपलोड करेगा। कोर्ट ने हेमंत मालवीय के अपना माफीनामा दस दिनों के अंदर सोशल मीडिया पर अपलोड करने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान मध्यप्रदेश सरकार की ओर से पेश एएसजी केएम नटराज ने कहा कि हेमंत मालवीय ने जो पोस्ट डाला था वो डिलीट नहीं करें क्योंकि जांच अभी चल रही है।

मालवीय ने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने 3 जुलाई को अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि ये अभिव्यक्ति की आजादी का घोर दुरुपयोग है। सुनवाई के दौरान मालवीय की ओर से पेश वकील वृंदा ग्रोवर ने कोर्ट से कहा था कि मालवीय का कार्टून 2021 का कोरोना के समय का है। उन्होंने कहा था कि उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि अर्नेश कुमार और इमरान प्रतापगढ़ी वाले उच्चतम न्यायालय के फैसले लागू नहीं होंगे। ग्रोवर ने कहा था कि उच्च न्यायालय ने कार्टूनिस्ट की आलोचना करते हुए कहा कि इस अपराध के तहत भारतीय न्याय संहिता में अधिकतम तीन साल की सजा का प्रावधान है।

मालवीय के खिलाफ इंदौर के लसूड़िया पुलिस थाने में आरएसएस के स्थानीय कार्यकर्ता और वकील विनय जोशी ने एफआईआर दर्ज करवायी थी। एफआईआर में मालवीय के खिलाफ हिन्दूओं की भावनाएं आहत करने और सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश का आरोप लगाया गया है।

(Udaipur Kiran) /संजय

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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा

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