वाराणसी, 05 नवम्बर(Udaipur Kiran) . कार्तिक पूर्णिमा पर Uttar Pradesh के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने पत्रकारों से कहा कि कार्तिक पूर्णिमा स्नान न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह काशी की जीवंत आध्यात्मिक विरासत को भी दर्शाता है. प्रति वर्ष लाखों श्रद्धालु काशी पहुंचते हैं और आस्था की डुबकी लगाते हैं. कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली के दिन दुनिया के सबसे प्राचीन शहरों में एक काशी Uttar Pradesh की सांस्कृतिक समृद्धि की वैश्विक प्रतीक बन जाती है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था. महादेव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था. इस दिन किया गया दान कई यज्ञों के बराबर फल देता है. काशी की देव दीपावली विश्वविख्यात है.
पर्यटन मंत्री ने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा की पहली किरण के साथ ही घाटों पर श्रद्धा और भक्ति का सैलाब देखने को मिला. गूंजते मंत्रों, आरती और दीपों की ज्योति से वातावरण दिव्यमय हो उठा. पर्यटन विभाग की ओर से देव दीपावली के आयोजन के लिए भव्य तैयारियां की गई हैं. Chief Minister योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में इस वर्ष देव दीपावली को और अधिक भव्य, सुव्यवस्थित और आकर्षक स्वरूप देने के लिए विशेष प्रबंधन किए गए हैं. घाटों से लेकर नगर की प्रमुख सड़कों तक रोशनी, सजावट और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का विस्तृत खाका तैयार किया गया है.
जयवीर सिंह ने कहा कि वाराणसी के विभिन्न घाटों पर देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी हुई है. इस दौरान विदेशी पर्यटकों ने भी पवित्र गंगा में विधि-विधान के साथ डुबकी लगाकर आस्था व्यक्त की है. घाटों पर आयोजित गंगा आरती, भजन-कीर्तन और दीपदान के दृश्य ने उन्हें मंत्रमुग्ध कर दिया. वाराणसी की आध्यात्मिक-सांस्कृतिक गरिमा दुनिया भर के लोगों को आकर्षित करती है. कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यह अपने चरम पर दिखाई दिया.
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(Udaipur Kiran) / श.चन्द्र
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