नई दिल्ली, 13 मई . भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और वकील अनंत देहादराय ने तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को लेकर सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए कथित मानहानि वाले पोस्ट को हटा लिया है. दुबे की ओर से दिल्ली हाई कोर्ट को दी गई सूचना के बाद जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने महुआ मोइत्रा की मानहानि याचिका का निस्तारण कर दिया.
महुआ मोइत्रा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर निशिकांत दुबे और अनंत देहादराय के खिलाफ मानहानि याचिका दायर की थी. मोइत्रा ने याचिका में निशिकांत दुबे औऱ अनंत देहादराय पर आरोप लगाया था कि उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपमानजनक पोस्ट की है.
आठ मई को सुनवाई के दौरान महुआ मोइत्रा की ओर से पेश वकील समुद्र सारंगी ने कहा था कि देहादराय ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया जिसमें लिखा, “Bombshell development in the Lokpal case filed by Dr. Nishikant Dubey MP.” . उन्होंने कहा था कि सांसद निशिकांत दुबे ने अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा कि सीबीआई ने महुआ मोइत्रा के कथित विदेशी खातों और खर्चों को लेकर लोकपाल में केस फाइल किया है.
महुआ मोइत्रा ने अनंत देहादराय औऱ निशिकांत दुबे के इस सोशल मीडिया पोस्ट को हटाने का निर्देश देने की मांग की थी. सारंगी ने कहा था कि महुआ मोइत्रा ने दुबे के पोस्ट को लेकर लोकपाल से आरटीआई के तहत जानकारी मांगी थी जिस पर लोकपाल ने सूचित किया कि उन्होंने निशिकांत दुबे को ऐसी कोई सूचना नहीं दी है.
सुनवाई के दौरान निशिकांत दुबे की ओर से पेश वकील अभिमन्यु भंडारी ने कहा था कि ये सोशल मीडिया पोस्ट निशिकांत दुबे की शिकायत पर लोकपाल के फैसले को लेकर है. उन्होंने कहा था कि लोकपाल की ओर से निशिकांत दुबे को कोई नई जानकारी नहीं मिली है. तब कोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया निशिकांत दुबे का लोकपाल के फैसले के आधार पर किया गया पोस्ट किए गए आरोपों से जुड़ा हुआ नहीं है.
कोर्ट ने निशिकांत दुबे के वकील से कहा था कि जब तक महुआ के खिलाफ आरोप के पक्ष में कुछ नहीं हो तब तक दुबे उस पोस्ट को हटा लें. तब भंडारी ने कहा था कि दुबे को लोकपाल के आदेश को अपलोड करने का अधिकार है. तब कोर्ट ने कहा था कि उन्हें आदेश अपलोड करने का अधिकार है लेकिन वे इससे निष्कर्ष नहीं निकाल सकते हैं. तब भंडारी ने कहा था कि महुआ मोइत्रा अपने सोशल मीडिया पोस्ट में हमेशा ही दुबे को पिटबुल कहा करती हैं. इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती है. तब कोर्ट ने कहा था कि अगर किसी के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया जाता है तो सोशल मीडिया प्लेटफार्म को लिखा जा सकता है और वह पोस्ट हटाया जा सकता है.
/संजय
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/ मुकुंद
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